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कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्र की जवाबदेही पर उठाए सवाल, रक्षामंत्री पर किया सीधा हमला | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज सोमवार 28 जुलाई 2025 को लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में राफेल विमानों और पहलगाम आतंकी हमले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को घेरा। उन्होंने सवाल उठाया कि राजनाथ सिंह ने पहलगाम हमले का जिक्र क्यों नहीं किया और क्या कुछ राफेल विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। यह बहस देश की सुरक्षा और सरकार की जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े करती है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर सीधा हमला बोला है, जिससे राफेल विमानों और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। गोगोई के सवालों ने न सिर्फ सदन में हंगामा खड़ा कर दिया, बल्कि देश भर में राष्ट्रीय सुरक्षा और सरकार की जवाबदेही पर कई गंभीर प्रश्न भी उठा दिए हैं।
पहलगाम हमला: 100 दिन बाद भी न्याय की दरकार!
गौरव गोगोई ने अपनी बात रखते हुए कहा कि राजनाथ सिंह ने सदन में रक्षा से जुड़ी कई जानकारियां दीं, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं किया। यह वही हमला है जहां पाकिस्तान से आए आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी। गोगोई ने तीखे लहजे में कहा, "राजनाथ सिंह जी ने बहुत सारी जानकारी दी लेकिन रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने कभी उल्लेख नहीं किया कि कैसे पाकिस्तान से आतंकवादी पहलगाम पहुंचे और 26 लोगों को मार डाला... राष्ट्र के हित में सवाल पूछना हमारा कर्तव्य है।" उनके इन शब्दों ने न केवल सत्ता पक्ष को असहज कर दिया, बल्कि जनता के मन में भी कई सवाल पैदा कर दिए कि आखिर क्यों इस भयावह घटना को दरकिनार किया गया?
If some Rafale jets have been downed, I think it is a big loss: Congress' Gaurav Gogoi in Lok Sabha.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 28, 2025
Country wants to know, 100 days have passed since Pahalgam attack but this govt has not brought terrorists to justice: Gaurav Gogoi in LS. pic.twitter.com/pxgVHdjZyk
राफेल विमानों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल: क्या हुए हैं हादसे?
गोगोई ने सिर्फ पहलगाम तक ही अपनी बात सीमित नहीं रखी, बल्कि उन्होंने राफेल विमानों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "अगर कुछ राफेल विमान गिरे हैं, तो मुझे लगता है कि यह एक बड़ी क्षति है।" यह बयान सीधे तौर पर सरकार की वायुसेना की क्षमताओं और राफेल डील पर सवाल खड़े करता है। यदि वास्तव में राफेल विमानों को कोई नुकसान हुआ है, तो यह देश की रक्षा तैयारियों के लिए एक बड़ा झटका होगा। सरकार को इस पर तुरंत स्पष्टीकरण देना चाहिए।
गौरव गोगोई ने इस बात पर भी जोर दिया कि पहलगाम हमले को 100 दिन से ज़्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जा सका है। उन्होंने कहा, "देश जानना चाहता है कि पहलगाम हमले को 100 दिन बीत चुके हैं, लेकिन यह सरकार आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में नहीं ला पाई है।" यह आरोप सरकार की आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है। क्या सरकार इस मामले में ढिलाई बरत रही है, या उसे दोषियों को पकड़ने में दिक्कत आ रही है? जनता को इसका जवाब चाहिए।
गौरव गोगोई के ये बयान एक बार फिर यह दर्शाते हैं कि विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को आसानी से नहीं छोड़ने वाला। सरकार की खामोशी और इन गंभीर आरोपों पर कोई ठोस जवाब न देना, कई अटकलों को जन्म देता है।
अब सबकी निगाहें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर टिकी हैं। क्या वे गौरव गोगोई के इन तीखे सवालों का जवाब देंगे? क्या वे पहलगाम हमले और राफेल विमानों से जुड़े आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण देंगे? देश की जनता और खासकर उन शहीदों के परिवार, जिन्हें पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खोना पड़ा, न्याय और जवाबदेही की उम्मीद लगाए बैठे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस सियासी दबाव का सामना कैसे करती है और इन संवेदनशील मुद्दों पर क्या रुख अपनाती है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इन सवालों का जवाब देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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