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शताब्दी वर्ष: संघ पर जो चर्चा हो, वह परसेप्शन नहीं बल्कि फैक्ट्स पर हो: मोहन भागवत

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने बिना किसी की नाम लिए संघ की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि संघ पर जो चर्चा हो, वह परसेप्शन नहीं बल्कि फैक्ट्स पर आधारित होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि किसी को बदलने की जरूरत नहीं है।

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Mukesh Pandit
RSS Chief Mohan Bhagwat

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने तीन दिवसीय शताब्दी वर्ष का उद्घाटन किया।

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बिना किसी की नाम लिए संघ की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि संघ पर जो चर्चा हो, वह परसेप्शन नहीं बल्कि फैक्ट्स पर आधारित होनी चाहिए। भागवत ने कहा कि किसी को बदलने की जरूरत नहीं है। मैं आज आपसे संघ के बारे चर्चा करूंगा। भारत है, इसलिए संघ है। हमारे लिए देश सर्वोपरि है। इसलिए हम भारत मां की जय कहते हैं।

तीन दिवसीय शताब्दी समारोह का उद्घाटन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने यहां तीन दिवसीय शताब्दी वर्ष का उद्घाटन किया। इस मौके पर भागवत ने कहा कि किसी को बदलने की जरूरत नहीं है। मैं आज आपसे संघ के बारे चर्चा करूंगा। भारत है इसलिए संघ है। हमारे लिए देश सर्वोपरि है। संघ को पर्सेप्शन के आधार पर नहीं फैक्ट्स के आधार जानना चाहिए। संघ के बारे में बहुत सारी चर्चाएं चलती हैं। ध्यान में आया कि जानकारी कम है, जो जानकारी है, वह ऑथेंटिक कम है। इसलिए अपनी तरफ से संघ की सत्य और सही जानकारी देना चाहिए। संघ पर जो भी चर्चा हो, वह परसेप्शन पर नहीं बल्कि फैक्ट्स पर हो।

विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम 

विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम का विषय ‘आरएसएस की 100 वर्ष की यात्रा: नए क्षितिज’ है। इसका विभिन्न मीडिया और सोशल मीडिया मंच पर सीधा प्रसारण किया जा रहा। आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार एवं मीडिया प्रमुख सुनील आंबेकर ने कार्यक्रम के बारे में संवाददाताओं को बताया कि तीन दिवसीय व्याख्यान शृंखला के दौरान भागवत समाज की विभिन्न ‘प्रतिष्ठित हस्तियों’ के साथ ‘संवाद’ करेंगे और देश के सामने मौजूद ‘महत्वपूर्ण मुद्दों’ पर अपने विचार रखेंगे।

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आंबेकर ने कहा कि वह देश के भविष्य के लिए आरएसएस का दृष्टिकोण सामने रखेंगे और लोगों के साथ साझा करेंगे कि आने वाले दिनों में संगठन अपनी ‘ऊर्जा’ कहां लगाएगा तथा स्वयंसेवकों को किस तरह का काम करने के लिए कहा जाएगा। 

संवाद के बाद समाज को सही जानकारी मिलेगी

उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि इस संवाद के बाद समाज को आरएसएस और उसके कार्यों के बारे में अधिक स्पष्टता मिलेगी।’’ आंबेकर ने कहा कि इस कार्यक्रम में राजनीतिक हस्तियों, पूर्व न्यायाधीशों, पूर्व अधिकारियों, खिलाड़ियों और विभिन्न देशों के राजदूतों सहित विभिन्न क्षेत्रों के 1,300 गणमान्य लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है जो हमारे साथ लगातार संपर्क में हैं। हमने ईसाई, मुस्लिम, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों के गणमान्य लोगों को भी आमंत्रित किया है।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई  भी आमंत्रित

आरएसएस नेता ने कहा, ‘हमने पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सहित कई सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और कंवल सिब्बल जैसे पूर्व राजनयिकों को आमंत्रित किया है। आंबेकर ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए जाने जाने वाले कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।   rss news | Rashtriya Swayamsevak Sangh | mohan bhagwat | Mohan Bhagwat statemen,Mohan Bhagwat statement 

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