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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के पहले ऐसे नेता प्रतिपक्ष हैं, जिन्हें न देश की परवाह है और न ही संसद के नियमों की समझ। भाजपा सांसद ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी गंभीर राजनीति नहीं करते। निशिकांत दुबे ने कहा- राहुल गांधी मीडिया के सामने मुश्किल से दो मिनट दिखते हैं। उनकी संसद में उपस्थिति कई बार शून्य रही है। उन्होंने कभी भी देश के हित में गंभीर राजनीति नहीं की। निशिकांत दुबे ने कहा- संसद के नियम 349 के मुताबिक, कोई सदस्य भाषण देने के तुरंत बाद सदन नहीं छोड़ सकता, लेकिन राहुल गांधी बार-बार यह नियम तोड़ते हैं। लगता है उन्होंने संसद का कार्यप्रणाली नियम पढ़ा ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल को सरकार कैसे चलती है, यह कम से कम मल्लिकार्जुन खड़गे से ही सीख लेनी चाहिए।
SIR पर राहुल गांधी की टिप्पणी पर पलटवार
राहुल गांधी द्वारा बिहार में चल रहे SIR (Special Investigation of Registration) पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए निशिकांत दुबे ने कहा- राहुल गांधी को शायद यह नहीं पता कि SIR जैसी प्रक्रिया 2003 में भी हो चुकी है, और यह वही कानून है, जिसे उनके पिता (राजीव गांधी) के समय पारित किया गया था। उनकी जानकारी अधूरी और भ्रामक है। भाजपा नेता निशिकांत दुबे का यह बयान राहुल गांधी और विपक्ष पर सीधा राजनीतिक हमला माना जा रहा है। संसद में नियमों के उल्लंघन से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या मुद्दों तक, दुबे ने राहुल गांधी की राजनीति को गैर-जिम्मेदार और अपरिपक्व बताया। ऐसे बयानों से लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टकराव और तेज हो सकता है।
#WATCH | Delhi: BJP MP Nishikant Dubey says, "Rahul Gandhi is the only LoP in the history of the country, who wants nothing to do with the interests of the country. Have you ever seen him do serious politics? He appears in front of the media for hardly two minutes. His attendance… pic.twitter.com/y8kLkYQN9M
— ANI (@ANI) July 24, 2025
ऑपरेशन सिंदूर पर दावा- "अस्थायी रिपोर्ट में जीत हमारी"
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सरकार द्वारा किए गए "Operation Sindoor" को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट में सफलता दर्ज की गई है। स्थायी रिपोर्ट तब आएगी, जब हम पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को पूरी तरह अपने नियंत्रण में लेंगे। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद के दोनों सदनों में चर्चा के लिए 16-16 घंटे नियत किए गए हैं। क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 28 और 29 जुलाई को बहस होगी। सदन में बहस से पहले भाजपा सांसद का यह बयान संकेत देता है कि सरकार इस मामले में अपना पक्ष पूरी आक्रामकता के साथ रखने वाली है। दूसरी ओर विपक्ष सीजफायर में अमेरिकी दखल को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का प्रयास कर सकता है।