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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक तीखा बयान जारी किया। उन्होंने लिखा है- हिंदी भाषियों को मारकर राजनीति करने वालों की राजनीति अब नहीं चलेगी। दुबे ने अपने इस बयान से महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे पर भाषा के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। बिहार चुनाव को लेकर एक न्यूज चैनल को साक्षात्कार देते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि मुंबई की डेमाग्राफी भी बताई।
बोले- मुबई के 30 लोग मराठी बोलते हैं
भाजपा सांसद निशिकांत ठाकुर ने कहा- मुंबई में केवल 30 प्रतिशत लोग मराठी बोलते हैं। इसके अलावा 12 प्रतिशत लोग उर्दू बोलते हैं, मतलब वे मुस्लिम हैं। मुंबई में हिंदी भाषियों की संख्या भी करीब 30 प्रतिशत है।दो से तीन प्रतिशत राजस्थानी और करीब इतने ही गुजराती बोलते हैं। इतने ही लोग भोजपुरी भी बोलते हैं। डेमोग्राफी इतनी बदल गई है कि भाषा के आधार पर शिवसेना के मंसूबे अब पूरे होने वाले नहीं हैं। इस बार भाषा पर राजनीति करने वाली शिवसेना और मनसे की राजनीति को कफन लगने वाला है और उन्हें आगे राजनीति करने का मौका नहीं मिलेगा।
बयान के बाद सियासी हलचल
निशिकांत दुबे के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। भाजपा समर्थक इसे हिंदी भाषियों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में मजबूत आवाज बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों ने इस पर राजनीतिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाया है। बता दें कि निशिकांत दुबे झारखंड के गोड्डा से सांसद हैं और भारतीय जनता पार्टी के मुखर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। वह संसद में वित्त, नीतियों और भाषा के मुद्दों पर अक्सर बेबाक राय रखते आए हैं।
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