श्रीनगर, वाईबीएन नेटवर्क।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के मिजाज इन दिनों बदले-बदले से हैं। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले तक बीजेपी पर लगातार हमलावर रहे उमर के ताजा बयान उनके सियासी रुख में बदलाव का इशारा कर रहे हैं। दो दिन पहले इंडिया गठबंधन के वजूद पर सवाल उठाने के बाद उमर ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि वे केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। तारीफों का ये सिलसिला यहीं नहीं रुका। पीएम ने भी अपने भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री जी ने सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर की तस्वीरें शेयर की थीं, जिसके बाद आपसे मिलने की बैचेनी बढ़ गई।
तारीफ में पढ़े कसीदे
सोमवार को सोनमर्ग में जेड-मोड़ टनल के उद्घाटन के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम उमर अब्दुल्ला पहली बार आधिकारिक तौर पर एक मंच पर आए। इस मौके पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े। उमर ने प्रधानमंत्री को कहा कि आपने कहा था कि आप दिल की दूरी और दिल्ली से दूरी को खत्म करने पर काम कर रहे। यह वास्तव में आपके काम से साबित होता है। उन्होंने जम्मू कश्मीर में चुनाव और पाकिस्तान बॉर्डर पर अमन कायम करने का क्रेडिट भी खुले मंच से पीएम मोदी को दिया। लगे हाथ उन्होंने यह भी कह दिया कि नरेंद्र मोदी जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल कराएंगे। पीएम मोदी का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आपका बहुत पुराना रिश्ता है। हम आशा करते हैं कि आप बार-बार यहां आएं, हमारे बीच रहें और हमारी खुशियों में शामिल हों।
Mahakumbh 2025: बिना अन्न और जल के सिर्फ चाय के सहारे कर रहे साधना, शिक्षा के अद्भुत दान को बनाया है जीवन का मकसद
उमर ने I.N.D.I.A पर उठाए सवाल
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार खासकर पीएम मोदी की तारीफ उस समय की है, जब इंडिया गठबंधन अलग-थलग पड़ चुका है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने-सामने है। शरद पवार, लालू यादव और ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं। शिवसेना (उद्धव) ने भी लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन की मीटिंग नहीं होने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ रखा है। खुद उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया था कि अगर गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही था तो इसे खत्म करना चाहिए। हम अलग-अलग काम करेंगे। अगर विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन कायम है तो इसकी मीटिंग होनी चाहिए। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार में कांग्रेस शामिल नहीं है।
यूपी में एक समय पर दो सीएम, राज्यपाल की 'अनुकंपा' से जगदंबिका पाल ने किया था कल्याण सिंह का तख्तापलट
अलग रास्ता तलाश रहे उमर!
नई दिल्ली और श्रीनगर के बीच रिश्तों की बर्फ पिघलने के पहले संकेत तभी मिल गए थे जब उमर अब्दुल्ला ने सीएम पद की शपथ ली थी। तभी उन्होंने इशारा किया था कि वे केंद्र सरकार के साथ तालमेल बिठाना चाहते हैं। उन्होंने राजभवन और सीएम ऑफिस के बीच संभावित टकराव की आशंकाओं को खारिज कर दिया था। करीब 3 महीने के शासन में सिर्फ एक मौका आया, जब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राजभवन की आलोचना की। उमर अब्दुल्ला की पार्टी छुट्टियों की लिस्ट में शेख अब्दुल्ला की जयंती को शामिल नहीं करने से नाराज थी। हालांकि तब भी उमर खुद बयानबाजी से दूर रहे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि केंद्रशासित प्रदेश का कामकाज का तरीका अलग है। दरअसल, उमर चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। उनकी यह उम्मीद केंद्र सरकार ही पूरी कर सकती है। शायद यही वजह है कि उमर केंद्र सरकार की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं, लेकिन यह इंडिया गठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। गठबंधन के कई सहयोगी पहले ही बेरुखी दिखा रहे हैं। यदि उमर अब्दुल्ला ने भी अलग रास्ता चुन लिया तो गठबंधन का अस्तित्व वास्तव में खतरे में पड़ जाएगा।
Delhi election में भाजपा लगा सकती है स्मृति ईरानी पर बड़ा दांव
Big challenge to congress : क्या अपनी प्रतिष्ठा बचा पाएगी कांग्रेस!