नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्कदेश की राजनीति में अब तक पलटूराम के नाम से बिहार के सीएम नीतीश कुमार मशहूर थे, लेकिन शायद अब इस भूमिका में राहुल गांधी भी नजर आ रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि जिस जातिगत गणना की अब तक राहुल गांधी वकालत कर रहे थे, उस पर अब पलटते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी ने बिहार में कराये गये जातिगत गणना को फर्जी करार देते हुए कहा है कि वहां के लोगों को बेवकूफ बनाया गया - और, ऐन उसी वक्त राहुल गांधी ने ये भी दोहराया कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर जातिगत गणना कराकर ही दम लेगी। जातिगत गणना पर राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों से एक बात तो साफ है कि राहुल तो दिक्कत जातिगत गणना से नहीं बल्कि क्रेडिट देने से है।
क्रेडिट नहीं देना चाहते राहुल गांधी
बता दें लगभग साल भर पहले ही जनवरी, 2024 में राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ बिहार पहुंचे थे। राहुल गांधी ने तब जातिगत गणना को तारीफ करते हुए, श्रेय नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव को दिया था। इसके ठीक बाद नीतीश कुमार INDIA ब्लॉक छोड़ NDA में बीजेपी के साथ चले गये थे। अब साल भर के भीतर ही उसी जातिगत जनगणना को राहुल गांधी फर्जी बता रहे हैं।
राहुल गांधी का पटना दौरा
दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। आरजेडी नेता लालू यादव के पूरे परिवार से मुलाकात की। मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं। तस्वीरों में राहुल गांधी काफी खुश नजर आ रहे हैं। लेकिन जातिगत गणना को लेकर राहुल गांधी ने जो कहा है, वो सीधे-सीधे तौर पर नीतीश कुमार पर ही हमला लगता है, लेकिन निशाने पर साफ तौर पर तेजस्वी यादव ही नजर आते हैं। राहुल गांधी ने पिछले लोकसभा चुनाव में जातीय गणना के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। तेजस्वी यादव बिहार में जातीय जनगणना का श्रेय खुद को देते हैं। शायद राहुल बिहार की सियासत में ऐसा नहीं होने देना चाहते।
देखते-देखते ये क्या हो गया...
राहुल के इन बयानों से एक बात तो साफ है कि कांग्रेस की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी आरजेडी के साथ भी उसके रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे। आज से एक साल पहले जब इंडिया ब्लॉक की मीटिंग हुई तो उसमें लालु यादव ने मंच से कहा था कि राहुल को दूल्हा बनाएंगे। लालू यादव हमेशा राहुल गांधी का तारीफ खुले मंच से करते नजर आए। लेकिन लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की सरकार में हुए काम को फर्जी करार देना आरजेडी पर परोक्ष हमला ही है। जानकारों की मानें तो इसकी वजह इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर लालू यादव का हालिया बयान है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब गठबंधन का नेतृत्व संभालने की इच्छा जताई थी, तब लालू ने उनकी बात का समर्थन किया था। इससे राहुल को झटका लगना लाजिमी है, क्योंकि आरजेडी, कांग्रेस की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है। इससे पहले तक लालू हमेशा राहुल के समर्थन में खड़े नजर आते थे। लालू ने अपना रुख बदला तो राहुल जातीय जनगणना पर पलटी मार गए। अब सवाल उठ रहे हैं कि आरजेडी-कांग्रेस के रिश्ते इतने खराब हो गए हैं कि अब ठीक नहीं हो सकते। खैर, इसके सियासी मायने तो निकाले जाते रहेंगे, लेकिन फिलहाल तो नीतीश कुमार को पलटूराम की पदवी के लिए वे चुनौती देते नजर आ रहे हैं।