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Supriya Sule controversy सुप्रिया सुले के नॉनवेज बयान से सियासत में उबाल, बचाव में उतरे पूर्व गृहमंत्री

सुले ने कहा कि उनके माता-पिता और ससुराल वाले भी खाते हैं और अपने पैसों का खाते हैं। किसी से उधार लेकर नहीं खाते हैं। वह जो भी करती हैं, डंके की चोट पर करती हैं। अगर वह नॉनवेज खाती हैं तो कोई पाप नहीं किया है। वह खुलकर नॉनवेज खाती हैं।

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Mukesh Pandit
Supria Sule

सुप्रिया सुले और सुशील कुमार शिंदे। file

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मुंबई,वाईबीएन डेस्क। एनसीपी सांसद एवं वरिष्ठ नेता शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के नॉनवेज खाने वाले बयान को लेकर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सियासत तेज हो गई है। भाजपा के नेताओं ने उनके इस बयान की  आलोचना की है, जबकि सुले ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनका नॉनवेज खाना उनके भगवान को भी चलता है। इस विवाद ने सनातन धर्म और राजनीति के बीच के संबंधों पर एक नई बहस छेड़ दी है। इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सुले के बयान का बचाव करते हुए कहा कि'अच्छा हुआ कि मैंने कुछ नहीं कहा'। शायद उनका इशारा था कि भाजपा उन पर भी हमलावर हो जाती।

क्या कहा था सुप्रिया सुले ने

सुप्रिया सुले ने नॉनवेज पर कहा कि उन्हें नकारात्मक बोलना अच्छा नहीं लगता है, क्योंकि वह रामकृष्ण हरि और पांडुरंग भगवान को मानती हैं। वह अपने गले में तुलसी की माला नहीं पहनती हैं, क्योंकि वह कभी-कभी नॉनवेज खाती हैं। वह उनकी तरह झूठ नहीं बोलती हैं। अगर उनका नॉनवेज खाना उनके पांडुरंग को चलता है तो बाकियों को क्या समस्या है?

नितेश राणे ने साधा था निशाना

सुप्रिया सुले के बयान पर भाजपा नेता नितेश राणे ने भी प्रतिक्रिया दी है। राणे ने कहा कि सुप्रिया ताई को अगर कुछ बोलना है तो केवल हिंदू धर्म के बारे में ही क्यों? क्या उनमें हिम्मत है कि वे ऐसे बयान किसी और धर्म के त्योहारों को लेकर दें? हिंदू धर्म और हमारे देवी-देवताओं को ही क्यों निशाना बनाया जाता है? अगर किसी और धर्म के बारे में कुछ कहेंगी, तब उन्हें समझ आएगा कि ऐसे बयानों के क्या नतीजे हो सकते हैं। सनातन धर्म को बार-बार निशाना बनाना ठीक नहीं है।

शिंदे ने उठाए सवाल

सुशील कुमार शिंदे ने सुले के बयान का बचाव करते हुए कहा कि'अच्छा हुआ कि मैंने कुछ नहीं कहा'। खानपान किसी के निजी जीवन से जुड़ा मामला है।  शिंदे ने म्युनिसिपल कॉरपोरेशन इलेक्शन पर कहा कि सत्ता आती-जाती है। कांग्रेस के साथ भी ऐसा कई बार हुआ है। 1980 में कह रहे थे कि अब वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे, लेकिन जनता ने उन्हें फिर से चुन लिया। इंदिरा गांधी सत्ता में वापस आईं, इसलिए हार से कभी नहीं डरना चाहिए। अगर हार भी जाए, तो नए जोश के साथ फिर से लड़ना चाहिए।

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उन्होंने 'वोट चोरी' कहा कि इस मुद्दे पर हम सभी राहुल गांधी के रुख का समर्थन करते हैं। जो लोग कह रहे हैं कि 'वोट चोरी' नहीं हुए, उन्हें सबूत दिखाना चाहिए, लेकिन वे सबूत दिखाने को तैयार नहीं हैं। सुशील कुमार शिंदे ने मालेगांव विस्फोट पर कहा कि हमें देखना होगा कि क्या हो रहा है। जो हुआ सो हुआ, लेकिन मुझे लगता है कि इसमें न्याय होगा। politics | 2025 Indian politics | Supriya Sule controversy

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