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पटना, आईएएनएस।विधान सभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने इसको लेकर आईएएमएस से कहा कि एनडीए एसआईआर पर चर्चा करना नहीं चाहती है। बिहार लोकतंत्र की जननी है और लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। एसआईआर पर बिहार विधानसभा में हम चर्चा चाह रहे थे और इसकी अनुमति मिल गई थी। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीच में ही हस्तक्षेप किया तो मुझे बैठना पड़ा। इस दौरान जब वह चर्चा कर रहे थे तो ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी नहीं थी कि एसआईआर पर चर्चा हो रही है। वह विषय से बाहर की चर्चा कर रहे थे।
बोलने से रोक रहे हैं नीतीश के मंत्री
बिहार विधानसभा में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे पर तीसरे दिन भी विपक्ष ने हंगामा किया। स्पीकर ने दोबारा हमें बोलने का समय दिया। लेकिन, नीतीश कुमार की सरकार के मंत्रियों ने मेरी बात को आगे बढ़ने ही नहीं दिया। ये एनडीए की बैठक में एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर लड़ भी चुके हैं। इस तरह से एनडीए नहीं चाहती कि एसआईआर पर विधानसभा में चर्चा हो।
भाजपा और चुनाव आयोग में सांठगांठ
उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग के सांठगांठ पर सहमति जताई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस नहीं की है। बिहार चुनाव से पहले अचानक मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान शुरू होने पर सवाल तो उठेगा ही। ऐसे में बता दें कि चुनाव आयोग गाइडलाइन का अनुसरण नहीं कर रही है, इसको लेकर जनता में कई तरह के संदेह पैदा हो रहे हैं।
लोकतंत्र खत्म करने की लड़ाई लड़ रही है भाजपा
उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। पहले वोटर सरकार चुनती थी अब सरकार वोटर चुन रही है। भाजपा राजशाही को वापस लाना चाहती है। चुनाव आयोग को इसका जवाब देना पड़ेगा। भाजपा जो मतदाता सूची देगी अगर उसी पर चुनाव होना है तो ऐसे चुनाव का क्या मतलब है, चुनाव आयोग को चाहिए कि वर्तमान सरकार को एक्सटेंशन दे दे। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र खत्म करने की लड़ाई लड़ रही है और हम लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ रहे हैं।
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