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Murshidabad violence पर टीएमसी विधायक ने मांगी माफी, कहा- जो हुआ वो दुखद

मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा के बीचटीएमसी विधायक अमीरुल इस्लाम ने आम लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि यहां जो हुआ वो दुखद है, यह नहीं होना चाहिए था। स्थानीय विधायक होने के नाते मैं इसके लिए आम लोगों से माफी मांगता हूं।

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YBN News
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Murshidabadviolence Photograph: (ians)

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मुर्शिदाबाद, आईएएनएस।मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा के बीच टीएमसी विधायक अमीरुल इस्लाम ने आम लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि यहां जो हुआ वो दुखद है, यह नहीं होना चाहिए था। स्थानीय विधायक होने के नाते मैं इसके लिए आम लोगों से माफी मांगता हूं। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। 

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धुलियान में अभी शांति

अमीरुल इस्लाम ने बात करते हुए कहा कि जो हुआ है, वह बहुत दुखद है, बहुत बुरा है। मैं यहां खासतौर पर धुलियान के नागरिकों से निवेदन करूंगा कि लोग अपने व्यापारों और दुकानों को खुला रखें। हमारे धुलियान में अभी शांति है और पिछले चार-पांच दिनों से कोई घटना नहीं हुई है।

हालांकि लोग यहां कुछ न कुछ बोलकर अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इस अफवाहको रोकना है। जब अफवाहें बंद हो जाएंगी तो सब शांतिमय हो जाएगा। सब कुछ सामान्य हो जाएगा। आप अभी देखिए, यहां लगभग सब सामान्य है। गाड़ियां चल रही हैं। दुकानें खुली हैं। लोग अपना काम कर रहे हैं। ट्रकों में बाहर से माल भरकर आ रहा है। उसे उतारा जा रहा है। यहां सब सामान्य है।

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उन्होंने आगे कहा कि सब कुछ ठीक होने के बाद भी कुछ लोग इसे अशांति कह रहे हैं। मैं कहूंगा कि अभी धुलियान में शांति है। मैं खुद अभी धुलियान में खड़ा हूं और कितने लोग आसपास आपको दिख रहे होंगे जो अपना काम कर रहे हैं। सब ठीक है। अब सब ठीक नहीं है तो सब कामकाज कैसे हो रहे हैं। स्थानीय लोग बता रहे हैं कि यहां पर इस मार्केट में मंगलवार से करीब 30 ट्रक माल उतारा जा चुका है। यह कामकाज प्रमाणित करता है कि यहां शांति है।

हिंदू-मुस्लिम एकता

इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर दिए बयान पर कहा कि हिंदू-मुस्लिम एक ही है। कुछ दंगाइयों और गुंडे-बदमाशों ने किया है। इसके लिए कोई भी धर्म बदनाम नहीं होना चाहिए। यहां हम लोग सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। हम सब एक साथ रहते हैं। इसको जो भी बदनाम करना चाहता है, हम यह नहीं करने देंगे। जब विश्वास खत्म हो जाता है तो ऐसे दंगे होते हैं। हमें एक-दूसरे के ऊपर विश्वास को जिंदा रखना है। विश्वास से ही हम लोग एक साथ रहते हैं।

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