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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में केरल की 2 कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी को लेकर संसद परिसर में बुधवार को प्रदर्शन किया गया। दोनों की गिरफ्तारी धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में हुई है। इसके विरोध में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन हुआ। दोनों नन की रिहाई की मांग की जा रही है। दो दिन पहले (28 जुलाई) को भी संसद परिसर में केरल से विपक्षी सांसदों ने विरोध-प्रदर्शन किया था।
पूरा मामले जानें
छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी को गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई थी। इसमें कहा गया था कि ये तीनों द्वारा तीन महिलाओं पर जबरन धर्म बदलने का दबाव दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से तस्करी के लिए जाने का भी आरोप लगा है।
केरल की हैं दोनों नन
गिरफ्तार की गई दोनों नन केरल की रहने वाली है। प्रीति एर्नाकुलम जिले के इलावूर निवासी है। वंद न कन्नूर के उदयगिरि गांव की है। इन दोनों की बहन भी नन हैं। इस मामले को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है। पीएम से मामले में दखल देने की अपील की गई है। बता दें, केरल में एक साल में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में इन नन की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय का पुतला फूंक रहे हैं।
ये BJP-RSS का भिड़ तंत्र
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-छत्तीसगढ़ में 2 कैथोलिक ननों को उनकी आस्था की वजह से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-आरएसएस का भीड़तंत्र है। यह बीजेपी के शासन में अल्पसंख्यकों का सिस्टेमैटिक उत्पीड़न है। हम चुप नहीं रहेंगे।
ध्रुवीकरण की राजनीति के तहत कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा है कि दोनों नन की गिरफ्तारियां ध्रुवीकरण की राजनीति के तहत की गई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- पूरे देश में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में है, वहां वोटों के लिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
पुलिस पर भी गंभीर आरोप
गिरफ्तार दोनों नन के वकील तामसकर टंडन ने कहा है कि बिना प्राथमिक जांच किए ही तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। जीआरपी की यह कार्रवाई सिर्फ संदेह के आधार पर की गई है।
छत्तीसगढ़ के सीएम क्या बोले?
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय का कहना है कि पूरा मामला मानव तस्करी और धर्मांतरण से जुड़ा है। जांच जारी है। कानून अपने हिसाब से काम करेगा। कांग्रेस राजनीति कर रही, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की शिकायतों के आंकड़े
प्रदेश में धर्मांतरण से जुड़ीं शिकायतें लगातार आ रहीं हैं। सत्र 2021-22 में धर्मांरतण को रायपुर जिले में 5, महासमुंद जिले में 10, धमतरी जिले में 1, दुर्ग जिले में 6, बालोद जिले में 1, सरगुजा जिले में 1, जशपुर जिले में 6, बस्तर जिले में 01 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 09 प्रकरणों में शिकायतें दर्ज की गईं। सत्र 2022-23 दुर्ग में 1, जांजगीर-चांपा में 2, कोरबा में 6, बलरामपुर में 2 शिकायतें मिलीं। इनमें से 03 मामले दर्ज किए गए। सत्र 2023-24 में दुर्ग में 1, बालोद में 1, बिलासपुर में 1, जांजगीर-चांपा में 3, कोरबा में 7, बलरामपुर में 2, कोरिया में 1 शिकायत आई। इनमें से 9 पंजीबद्ध किए गए। सत्र 2024-25 में रायपुर में 3, महासमुंद में 1, दुर्ग में 1, बालोद में 3, कबीरधाम जिले में 1, बिलासपुर में 8, जांजगीर-चांपा में 5, कोरबा जिले में 7, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 2, बलरामपुर जिले में 10, सूरजपुर जिले में 1, दंतेवाड़ा जिले में 1 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 23 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध कर 1 प्रकरण में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई।
प्रदेश सरकार धर्मांतरण पर नया कानून लाने की तैयारी में
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून लगाने की तैयारी भी की जा रही है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है कि गैर कानूनी तरीके से होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाया जा रहा है। इसे लेकर ड्राफ्टिंग पूरी होने वाली है। जरूरी प्रक्रियाएं की जा रहीं। पूरी संभावना है कि इसे अगले विधानसभा सत्र में लाया जाए।
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