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Cloud Burst : उत्तरकाशी के धरीला में बादल फटने के बाद अब तक क्या-क्या हुआ? 168 बचाए गए, जानें यहां के हालात

बाढ़ के कारण कई मकान और होटल भी तबाह हो गए। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। पूरे क्षेत्र के मंजर बहुत ही भयावह है। चारों ओर पानी, कीचड़ और टूटे मकानों के मलबा बिखरा पड़ है।

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Mukesh Pandit
Uttarakhan flood
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देहरादून, वाईबीएन डेस्क।उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गांव धराली में बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में बाढ़ आने से चार लोगों की मौत हो गई। अब तक 168 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण कई मकान और होटल भी तबाह हो गए। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। पूरे क्षेत्र के मंजर बहुत ही भयावह है,चारों ओर पानी, कीचड़ और टूटे मकानों के मलबा बिखरा पड़ है। लगातार बारिश से राहत और बचाव कार्य भी बाधित हो रहा है। किसी भी पहाड़ी क्षेत्र में बचाव कार्य करना  बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है।

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बचाव कार्य में बारिश बाधा

उल्लेखनीय है कि मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे धराली गांव के पास भीषण बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी थी । हादसे के वक्त धराली क्षेत्र में स्थानीय लोगों और यात्रियों सहित करीब 200 लोग मौजूद थे। इस बीच, शाम तक बारिश जारी रही जिसके कारण राहत एवं बचाव कार्यों में बाधा आई। इसके अलावा, राज्यभर में भूस्खलन के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण भी राहत कार्य में अड़चनें आईं और बचावकर्मियों को आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचने में कठिनाई हुई।

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धराली और हर्षिल आया चपेट में 

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बादल फटने की यह घटना हरि शिला पर्वत स्थित सात ताल क्षेत्र से निकली खीर गंगा के पास हुई, जिससे दोनों ओर बसे इलाके—धराली और हर्षिल—भी इसकी चपेट में आ गए। हर्षिल के तेल गाड़ क्षेत्र में स्थित सेना का कैंप भी इस तबाही से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।अधिकारियों ने बताया कि दोपहर बाद की इस घटना में कम से कम आधा गांव मलबे और कीचड़ में दब गया। बाढ़ के पानी के तेज बहाव और मलबे के कारण तीन-चार मंजिला मकानों सहित आस-पास की इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं।

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सेना के 10 जवान लापता

सेना के 14 राजरिफ यूनिट द्वारा संचालित इस कैंप में मौजूद मेस और कैफे बाढ़ की चपेट में आ गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना के 10 जवान और एक जूनियर कमिशन अधिकारी (JCO) लापता हैं, जबकि एक अधिकारी घायल हुआ है। इसके बावजूद, यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर और अन्य जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। हर्षिल में मौजूद सेना की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया लेकिन खराब मौसम और सड़कों के कारण अन्य स्थानों से टीम को पहुंचने में काफी मुश्किलें आई। घटनास्थल के लिए रवाना होने से पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना में चार लोगों की मृत्यु हुई है।

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हेलीपैड को भी बहा ले गया पानी 

इस आपदा ने हर्षिल में नदी किनारे बने हेलीपैड को भी बहा दिया है, जिससे हवाई राहत अभियान संभव नहीं हो पा रहा है। खीरगढ़ नाले में उफान आने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है। इसके अलावा, उत्तरकाशी से करीब 18 किलोमीटर दूर नेतला में भूस्खलन की वजह से धराली तक सड़क मार्ग भी बंद हो गया है। गंगोत्री धाम का संपर्क मार्ग भी पूरी तरह से टूट चुका है।

अभी तक 15 लोगों को बाहर निकाला गया

फिलहाल उत्तरकाशी पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना की टीमें मौके पर मौजूद हैं और सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है। सेना के जवानों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए करीब 15 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। Uttarkashi Rain Alert  Uttarkashi Natural Disaster | floods | Uttarakhand Flash Floods | cloud burst 

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