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शिवराज सिंह चौहान ने कहा, लोक सेवा विशेषाधिकार नहीं बल्कि जिम्मेदारी है

नौ से चौदह वर्ष के सेवा अनुभव वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के लिए एक मध्य-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री मुख्‍य वक्‍ता के रूप में संबोधित किया।

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Narendra Aniket
Shivraj Singh Chouhan at Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration, Mussoorie

नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी में 22वें मध्य-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम (एमसीटीपी) (तृतीय चरण) के समापन समारोह को संबोधित किया। एमसीटीपी (तृतीय चरण) नौ से चौदह वर्ष के सेवा अनुभव वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के लिए एक मध्य-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
इस अवसर पर एलबीएसएनएए के निदेशक श्री श्रीराम तरनीकांति, संयुक्त निदेशक श्री उदित अग्रवाल, उप निदेशक (वरिष्ठ) एवं पाठ्यक्रम समन्वयक श्री गणेश शंकर मिश्रा तथा लोक प्रशासन के प्रोफेसर डॉ. बागदी गौतम भी उपस्थित थे।

शासन में विनम्रता, अनुशासन और सहानुभूति अपनाएं सिविल सेवक

शिवराज ने सेवा और विकास के संवैधानिक आदर्शों के प्रति सिविल सेवकों की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सेवा देश और उसके लोगों की सेवा करने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता है। देश के लिए और देश की जनता के लिए के सार को उद्धृत करते हुए उन्होंने अधिकारियों से विनम्रता, अनुशासन और सहानुभूति के मूल्यों को आत्मसात करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि शासन प्रणाली सहभागी, सहानुभूतिशील हो और हर नागरिक तक इसकी पहुंच हो।

'वसुधैव कुटुम्बकम' के विचार की पुष्टि की

केंद्रीय मंत्री महर्षि अरबिंदो के गतिशील प्रक्रिया के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए अधिकारियों को अधिकार के माध्यम से नहीं, बल्कि जागृति के माध्यम से परिवर्तन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने 'अमर रहें वो मूल्य' में निहित संवैधानिक लोकाचार पर जोर देते हुए देश की एकता और साझा जिम्मेदारी के वैश्विक दृष्टिकोण के रूप में 'वसुधैव कुटुम्बकम' के विचार की पुष्टि की।

राष्‍ट्रीय विकास का भविष्‍य ग्रामीण समृद्धि में निहित है

शिवराज ने भारत की कृषि शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय विकास का भविष्य ग्रामीण समृद्धि में निहित है। उन्होंने कहा, 'प्रयोगशाला से लेकर भूमि तक, नवाचार को हमारे किसानों के लिए वास्तविक लाभ में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि भारत के विविध कृषि-जलवायु क्षेत्र इसे फूड बास्केट के रूप में स्थापित करते हैं।

महिलाओं की गरिमा, भागीदारी और सशक्तिकरण के बिना सच्चा विकास अधूरा

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केंद्रीय मंत्री शिवराज ने 'लाडली लक्ष्मी' और 'लाडली बहना' जैसी महत्वपूर्ण पहलों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने का जिक्र करते हुए कहा 'महिलाओं की गरिमा, भागीदारी और सशक्तिकरण के बिना सच्चा विकास अधूरा है।'

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