चंडीगढ़, वाईबीएन नेटवर्क
पंज।ब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह और उनके साथियों के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर की पूरी जानकारी मांगी है। अदालत ने इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अमृतसर और मोगा के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को 17 फरवरी तक कोर्ट में पूरी जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। यह कदम अमृतपाल सिंह और उनके साथियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ दर्ज मामलों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। इस आदेश के बाद, प्रशासन को सभी एफआईआर और उनसे संबंधित सभी दस्तावेज अदालत में पेश करने होंगे। अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगी, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित है।
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राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को चुनौती
खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह और उनके साथियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के क्रियान्वयन और इसके विस्तार तथा हिरासत अवधि बढ़ाने को चुनौती दी है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि एनएसए एक बहुत सख्त कानून है। यह मामला तब और जटिल हो गया जब यह जानकारी सामने आई कि अमृतसर के डीएम ने 13 मार्च को इन सभी पर एनएसए लगाया था और इसे पंजाब सरकार को भेजा गया था। हालांकि, इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि एनएसए लगाने के बाद डीएम ने इसे राज्य सरकार को भेजा था। एनएसए के तहत हर दिन का रिकॉर्ड रखा जाता है, इसलिए यह चिंता का विषय है।
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'बदले की भावना से की गई है कार्रवाई'
अमृतपाल सिंह के सहयोगियों, जिनमें सरबजीत सिंह कलसी, गुरमीत गिल, पपलप्रीत सिंह आदि शामिल हैं, ने अपनी याचिका में दावा किया है कि एनएसए लगाने सहित उनके खिलाफ की गई कार्रवाई असंवैधानिक, कानून के खिलाफ और राजनीतिक मतभेदों के कारण की गई है। उन्होंने तर्क दिया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई बदले की भावना से की गई है। पंजाब सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि अमृतपाल सिंह के साथियों की हिरासत राज्य की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. सरकार ने यह भी दावा किया कि अमृतपाल सिंह के साथी जेल में रहते हुए भी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल थे, जिसके कारण उनकी हिरासत अवधि बढ़ाना सही है.
अप्रैल 2023 में हुई थी अमृतपाल की गिरफ्तारी
अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब से वे और उनके कुछ साथी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। गिरफ्तारी के बाद, अमृतपाल सिंह और विदेशी मूल के आतंकवादी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला पर भी यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई फरीदकोट जिला पुलिस ने पंथिक संगठनों से जुड़े युवक गुरप्रीत सिंह हरिनो की हत्या के मामले के सिलसिले में की है।
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खडूर साहिब सीट से सांसद हैं अमृतपाल सिंह
'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने हाल ही में हुए 2024 के लोकसभा चुनाव में पंजाब के खडूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की थी। अमृतपाल सिंह ने 5 जुलाई को सांसद के तौर पर शपथ ली थी।आम चुनाव में, सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों से हराया था। अमृतपाल सिंह फिलहाल असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल सिंह और 9 अन्य की असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत जून महीने में एक साल के लिए बढ़ा दी गई थी. ये सभी पिछले साल मार्च से जेल में हैं। अमृतपाल सिंह और उसके तीन सहयोगियों की हिरासत 24 जुलाई को खत्म होने वाली थी, जबकि 6 अन्य सहयोगियों की हिरासत 18 जून को समाप्त होने वाली थी। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार ने एनएसए (NSA) लगाकर उनके बेटे के साथ धोखा किया। वो लगातार अपने बेटे की रिहाई की मांग उठाते रहे हैं।