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Photograph: (Google)
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पुलिस- प्रशासन राहत कार्य में जुटा
Jagannath rath yatra 2025: स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल ने स्थिति पर काबू पाने के लिए तुरंत राहत कार्य शुरू किए। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। भगदड़ की वजह से यात्रा को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा, लेकिन बाद में सुरक्षा के सख्त इंतजामों के साथ यात्रा फिर शुरू की गई। मृतकों की पहचान बसंती साहू (बोलागढ़, जिला खोरधा), प्रेमकांति मोहंती (अथांतारा, बालीआंता ब्लॉक) और प्रभाति दास (अथांतारा, बालीआंता ब्लॉक) के रूप में हुई है। प्रशासन ने हादसे पर दुख व्यक्त करने के साथ पीड़ितों की हर संभव सहायता की घोषणा की है।
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कब और कैसे हुआ हादसा
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान पुरी में यह हादसा रविवार सुबह 4 से 5 बजे के बीच उस वक्त हुआ, जब भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदीघोष’ मंदिर के समीप पहुंचा। जैसे ही भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के तीनों रथ गुंडिचा मंदिर के पास पहुंचे, हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए लगाए गए बैरिकेड अचानक गिर गए, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई। अफरा-तफरी में कुछ श्रद्धालु रथ के पहियों के पास गिर गए, जिससे मौके पर ही तीन लोगों की जान चली गई। रथ यात्रा के पहले दिन से ही पुरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। शुक्रवार को लगभग 10 लाख श्रद्धालु पुरी पहुंचे थे। पहले दिन ही 62 श्रद्धालु बीमार हुए और शनिवार तक यह संख्या 650 पार कर गई। इनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें नौ की हालत नाजुक बनी हुई है।
गुंडिचा मंदिर पहुंचे रथ, नौ दिन रुकेंगे भगवान
तीनों रथ, तालध्वज (बलभद्र), दर्पदलन (सुभद्रा), और नंदीघोष (जगन्नाथ), गुंडिचा मंदिर पहुंच गए हैं, जहां भगवान अगले नौ दिन तक विराजेंगे। यात्रा की शुरुआत शुक्रवार शाम गजपति महाराज दिव्यसिंह देब द्वारा छेरा पहंरा की रस्म के साथ की गई थी। पुरी को इस अवसर पर एक किले की तरह घेरा गया है। लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 10,000 पुलिसकर्मी, AI-युक्त कैमरे, और ड्रोन निगरानी तैनात किए गए हैं, फिर भी भगदड़ की इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।