नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Puri, odisa News: पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा पूरे उत्साह और भक्ति के साथ जारी है। आज यात्रा का दूसरा दिन है और एक बार फिर श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के भव्य रथ गुंडिचा मंदिर की ओर आगे बढ़ रहे हैं। सुबह से ही पुरी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। जय जगन्नाथ, हरिबोल, तुरही, शंखनाद और मंजीरे की मधुर ध्वनि के बीच भक्तगण भारी संख्या में रथ खींचने के लिए पहुंचे हैं।
12 दिन की आस्था यात्रा: पुरी से गुंडिचा मंदिर तक
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12 दिवसीय रथ यात्रा पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर लगभग 2.6 किमी दूर स्थित गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जिसे भगवान की मौसी का घर माना जाता है। भगवान जगन्नाथ यहां नौ दिन तक ठहरते हैं, और फिर 5 जुलाई को वापसी करते हैं।
रथ यात्रा के पहले दिन, सूर्यास्त के बाद रथ खींचना रोक दिया गया था। आज फिर से यात्रा आगे बढ़ रही है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खींचा रथ
रथ यात्रा के इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी भाग लिया और रथ खींचकर आशीर्वाद लिया।
किर्गिस्तान से आए विदेशी श्रद्धालुओं का समूह भी इस आयोजन में शामिल हुआ, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन चुका है।
तीन रथ, तीन स्वरूप और अलग-अलग रंग
बलभद्र का तालध्वज रथ सबसे पहले शुक्रवार शाम 4:08 पर आगे बढ़ा। इसके बाद देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ रवाना हुआ। अंत में भगवान श्री जगन्नाथ का नंदीघोष रथ निकला।तीनों रथों को लकड़ी के विशेष रंगीन घोड़ों से सजाया गया है और पुजारियों द्वारा विधिपूर्वक आराधना की गई।
625 श्रद्धालु घायल, कई अस्पताल में भर्ती
रथ खींचने की अत्यधिक भीड़ के कारण अफरा-तफरी की स्थिति भी बनी। भगवान बलभद्र के रथ के दौरान भीड़ में धक्का-मुक्की के कारण करीब 625 श्रद्धालु घायल हो गए। कुछ लोगों को दम घुटने की शिकायत पर नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है।