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Rahul Gandhi ने बालासोर आत्मदाह पीड़िता के पिता से की बात, बोले- 'हर हाल में मिलेगा न्याय'

बालासोर छात्रा आत्मदाह केस में राहुल गांधी ने पीड़िता के पिता से बात कर दिलाया इंसाफ का भरोसा। कांग्रेस समेत विपक्ष ने ओडिशा सरकार को घेरा। पढ़ें पूरी खबर।

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Dhiraj Dhillon
Rahul Gandhi
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ओडिशा के बालासोर आत्मदाह कांड में जान गंवाने वाली छात्रा के पिता से फोन पर बात की। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस हर हाल में पीड़िता को पूरा न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। राहुल गांधी ने इस घटना पर सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे गंभीर प्रशासनिक विफलता करार दिया। मामले में मंगलवार को कांग्रेस ने ओडिशा बंद कॉल किया था। बता दें कि ओडिशा के बालासोर में यौन उत्पीड़न से तंग छात्रा के आत्मदाह के मामले के तुंरत बाद कर्नाटक के भी एक कॉलेज में गैंगरेप का मामला सामने आयचा है। दक्षिण कन्नड़ जिले के मूडबिद्री में एक निजी कॉलेज की छात्रा से दो व्याख्याताओं और उनके सहयोगी द्वारा ब्लैकमेल कर गैंगरेप करने का आरोप है। पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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विपक्ष ने सरकार पर बोला तीखा हमला

छात्रा की मौत के बाद पूरे ओडिशा में राजनीतिक बवाल मच गया है। कांग्रेस, बीजेडी और अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना को केवल आत्महत्या नहीं, बल्कि 'सिस्टम की हत्या' बताया है। विपक्ष का आरोप है कि अगर प्रशासन ने समय रहते छात्रा की शिकायतों पर ध्यान दिया होता, तो उसकी जान बच सकती थी। छात्रा के पिता ने सरकार से मुआवजे की नहीं, बल्कि अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि किसी और बेटी को ऐसा कदम न उठाना पड़े।

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क्या है पूरा मामला?

पीड़िता, फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय, बालासोर की बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। उसने आरोप लगाया था कि कॉलेज में उसका एचओडी उसके साथ यौन उत्पीड़न कर रहा है। जब उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उसने कॉलेज के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। छात्रा 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी और बाद में उसे एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। छात्रा का शव मंगलवार को बालासोर के पैतृक गांव लाया गया। अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग, सांसद प्रताप सारंगी, जिला प्रशासन के अधिकारी और अन्य स्थानीय नेता शामिल हुए। ग्रामीणों और परिजनों की मौजूदगी में भावुक माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना ने ओडिशा में महिला सुरक्षा, शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही और प्रशासन की संवेदनशीलता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें मामले की जांच के लिए यूजीसी ने भी चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम गठित कर दी है।

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