नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: राहुल गांधी ने नई दिल्ली के इंदिरा भवन ऑडिटोरियम में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। राहुल ने इस दौरान 'वोट चोरी' से जुड़े नए सबूत पेश किए और वोटर लिस्ट से नाम काटने के नए आरोप लगाए. उन्होंने पहले ही कह दिया कि यह 'हाइड्रोजन बम' नहीं है, हाइड्रोजन बम अभी आने वाला है। पीसी में उन लोगों को मंच पर बुलाया गया जिनके नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं। वोटरों ने बताया कि उनके नाम कैसे कटे उन्हें नहीं पता है। कुछ दिनों पहले अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' को खत्म करते हुए राहुल ने दावा किया था कि उनकी पार्टी 'वोट चोरी' के मुद्दे पर जल्द ही एक 'हाइड्रोजन बम' जैसा खुलासा करेगी। आइए जानते हैं राहुल गाधी की पीसी की 10 बड़ी बातें।
'चुनावों में धांधली की सच्चाई'
राहुल गांधी ने विस्तार से बताया कि भारत में चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी, वोटों की चोरी, और मतदाताओं के नाम हटाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो जाएंगी। यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसे देश के कुछ शक्तिशाली लोग अंजाम दे रहे हैं।
'कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 वोटर नाम हटाए'
राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां किसी ने 6018 वोटरों के नाम फर्जी तरीके से मतदाता सूची से हटाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह संख्या केवल ज्ञात है, असल संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। यह मामला तब सामने आया जब वहां के बूथ स्तर अधिकारी ने अपने चाचा का नाम हटाए जाने पर जांच शुरू की।
'बूथ अधिकारी की सतर्कता से साजिश का पर्दाफाश'
इस जांच के दौरान पता चला कि वोट हटाने वाला व्यक्ति असल में पड़ोसी था, जिसे खुद भी इस बात का पता नहीं था कि उसने वोट हटाया है। पड़ोसी ने जब इस बारे में पूछा गया तो उसने इनकार किया। इसका मतलब यह था कि वोट हटाने की प्रक्रिया किसी तीसरी गुप्त ताकत ने हाईजैक कर ली थी, जो सिस्टम को अपने नियंत्रण में लेकर वोटर नाम हटाने का काम कर रही थी।
'मुख्य चुनाव आयुक्त पर गंभीर आरोप'
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं जिन्होंने देश के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि आयोग की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं और यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।
'सॉफ्टवेयर के माध्यम से हटाए गए वोटरों के नाम'
राहुल गांधी ने कहा कि वोटर नाम हटाने का यह काम सॉफ्टवेयर की मदद से बड़ी संख्या में किया गया है। इस प्रक्रिया में कर्नाटक के बाहर अन्य राज्यों के मोबाइल नंबरों का उपयोग किया गया, जिससे पता चलता है कि यह एक केंद्रीकृत और संगठित साजिश है।
'सिस्टम स्तर पर हो रही है साजिश'
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि यह काम किसी कार्यकर्ता या स्थानीय स्तर पर नहीं हो रहा, बल्कि यह पूरी तरह से सिस्टम और प्रशासनिक स्तर पर हो रहा है। उन्होंने सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल और सीरियल नंबरों की जानकारी देते हुए बताया कि यह एक स्वचालित प्रक्रिया है, जो बूथ पर पहले नाम वाले मतदाता का इस्तेमाल करती है।
'कांग्रेस के वोटरों को निशाना बनाया गया'
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस धांधली में विशेष रूप से कांग्रेस के मतदाता निशाने पर थे। जहां कांग्रेस मजबूत है, वहां वोटर के नाम हटाए गए हैं। यह एक सुनियोजित प्रयास है ताकि कांग्रेस की ताकत को कम किया जा सके।
'ठोस प्रमाणों के साथ करेंगे खुलासा'
राहुल गांधी ने कहा कि वे इस मंच से केवल उन बातों को रख रहे हैं जिनके पास 100 प्रतिशत ठोस और पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने कहा कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करते हैं और किसी भी तरह की साजिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
'देश और संविधान से है प्यार'
अंत में राहुल गांधी ने अपने देश, संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपने प्रेम को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा के लिए आवाज उठाएंगे और ऐसे मुद्दों को सामने लाएंगे जो देश की जनता के हित में हों।
'असली हाइड्रोजन बम अभी बाकी है'
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में साफ कहा कि जो खुलासा आज हुआ है वह “हाइड्रोजन बम” नहीं है, असली हाइड्रोजन बम तो अभी आने वाला है। यह एक ऐसा अहम मील का पत्थर है जो देश के युवाओं को चुनावों में हो रही धोखाधड़ी की गहरी सच्चाई से अवगत कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह खुलासा केवल शुरुआत है, और आने वाले वक्त में ऐसे और भी बड़े राज़ सामने आएंगे जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हैं।
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