मुंबई, आईएएनएस ।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के संसद में महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने और लगातार इस बड़े धार्मिक आयोजन में अव्यवस्था की बात उठाने पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने बुधवार को कहा कि महाकुंभ पर सवाल उठाने वाले तमाम विपक्षी नेता सनातन संस्कृति के खिलाफ हैं। संजय निरुपम ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव, कांग्रेस वालों या तमाम वामपंथियों का जो बयान है, उसके पीछे एक बहुत बड़ा सच छुपा है।
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विपक्ष सनातन विरोधी
वह बोले - सच यह है कि वे बुनियादी तौर पर सनातन परंपराओं के खिलाफ हैं। वे प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन, हिंदू परंपरा, हिंदू संस्कृति और हिंदू धर्म के खिलाफ हैं। इसलिए कोई भी घटना घटती है, तो वे उस घटना के नाम पर पूरे आयोजन को बदनाम करने में लगे रहते हैं।" निरुपम ने कहा, "महाकुंभ में जो हादसा हुआ, वह दुखद था, उस हादसे में जितने भी तीर्थयात्रियों की जान गई, उसका दुख हमें भी है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पूरे आयोजन को बदनाम किया जाए।
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विपक्ष जानबूझकर हिंदू आयोजनों को बदनाम कर रहा
संजय निरुपम ने कहा - विपक्ष जानबूझकर हिंदू आयोजनों को बदनाम करने का कुचक्र रचा रहा है। इसी भाव के साथ अखिलेश यादव भी ऐसी बातें कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि महाकुंभ एक धार्मिक आयोजन है और इस पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेकिन आगे उत्तर प्रदेश का चुनाव है, और अखिलेश विपक्ष में बैठे हैं। इसलिए योगी सरकार और पूरे उत्तर प्रदेश को बदनाम करने के लिए वह संसद के मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। वह ऐसा करके पूरी हिंदू संस्कृति और परंपरा को बदनाम कर रहे हैं।
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मदरसों की जांच का किया समर्थन
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे के राज्य के सभी मदरसों की जांच कराने की मांग का संजय निरुपम ने समर्थन किया। उन्होंने कहा, "मदरसों की स्थापनाओं का आधार बहुत पवित्र है, लेकिन दुर्भाग्य से आतंकवादी संगठन अक्सर पूरी दुनिया में मदरसों का दुरुपयोग करते हैं। ऐसे में मुंबई और हिंदुस्तान में भी ऐसा हो रहा है, यह बहुत चौंकाने वाली बात नहीं है। महाराष्ट्र में जितने भी मदरसे हैं, वे चाहे वैध हों या अवैध, उनका दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा, इसको राज्य सरकार सुनिश्चित करें। अवैध मदरसा है, तो उसे तत्काल बंद करें। वहीं, अगर वैध मदरसा हो, जिसका आतंकवादी भारत विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल कर रहे हों, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह काम महाराष्ट्र पुलिस का है।"