जयपुर, वाईबीएन नेटवर्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) को लेकर देशभर में गुस्सा है। इस कायराना आतंकी हमले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब देश को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि यह लड़ाई किसी संप्रदाय या धर्म के बीच नहीं, बल्कि ‘धर्म’ और ‘अधर्म’ के बीच की है।
"हिंसा का जवाब देना जरूरी है"
मोहन भागवत ने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, वह निंदनीय है। उन्होंने रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि रावण भी भगवान शिव का भक्त था, लेकिन जब वह सही रास्ते पर नहीं आया, तब भगवान राम को उसका वध करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें समझाकर नहीं समझाया जा सकता, उन्हें सबक सिखाना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह कार्य जल्द ही पूरा होगा।
"दुनिया का एकमात्र धर्म है मानवता"
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब समाज में आपसी मतभेद होते हैं तो खाई और गहराती जाती है। लेकिन जब हम एकता और अपनेपन की भावना से चलते हैं, तब समाज में मजबूती आती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में केवल एक ही सच्चा धर्म है और वह है मानवता। यही हिंदुत्व का सार है। इस बार हम सभी में गुस्सा भी है और आशा भी।
पर्यटकों की हत्या धर्म पूछकर की गई
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भागवत ने कहा कि आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर गोली मारी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे सैनिक या हमारे लोग कभी किसी को उसका धर्म पूछकर नहीं मारते। हिंदू ऐसा कभी नहीं करता।
उनका अंत जरूरी...
मोहन भागवत ने कहा कि जैसे रावण को सुधारना असंभव था, वैसे ही आज के समय के कुछ कट्टरपंथियों को भी समझाया नहीं जा सकता। ऐसे लोगों का मुकाबला करने के लिए 'आठ भुजाओं वाली शक्ति' की जरूरत है। भागवत बोले कि हमें राम जैसे संकल्प और साहस की ज़रूरत है ताकि अधर्म पर धर्म की जीत सुनिश्चित की जा सके।