नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में दो सैटेलाइट्स की सफलतापूर्वक डॉकिंग कर दी है। यह SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन के तहत किया गया। यह उपलब्धि गुरुवार को हासिल हुई। इससे पहले 7 और 9 जनवरी को तकनीकी कारणों से इसे टाला गया था। 12 जनवरी को ISRO ने एक परीक्षण किया था, जिसमें उपग्रहों को 3 मीटर की दूरी तक लाया गया था और फिर आगे के विश्लेषण के लिए उन्हें सुरक्षित दूरी पर ले जाया गया था।
चौथा देश बना भारत
इस कामयाबी के साथ भारत, अमेरिका,रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इसरो ने 30 दिसंबर, 2024 को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। SpaDeX मिशन के चेज़र सैटेलाइट (SDX01) के पास 4.5 किलोग्राम प्रोपेलेंट मौजूद है, जो दो बार डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए काफी है। हालांकि, वर्तमान ऑपरेशनल विंडो 20 जनवरी को बंद हो जाएगी। इसके बाद अगली उपयुक्त डॉकिंग विंडो 25 मार्च को खुलेगी, जिससे 65 दिनों का अंतराल रहेगा।
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देरी का ये कारण
मिशन में देरी का मुख्य कारण सूर्य की रोशनी की कमी है। लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सैटेलाइट्स की स्थिति के चलते सोलर पैनल्स जरूरी ऊर्जा उत्पन्न नहीं कर पा रहे हैं। पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण हर ऑर्बिट के बाद सैटेलाइट्स का ट्रैकिंग जटिल हो जाता है। सैटेलाइट्स 7 किमी/सेकंड की रफ्तार से चलते हुए 90 मिनट में एक ऑर्बिट पूरा करते हैं, जिससे ग्राउंड स्टेशन के पास सिर्फ 15-20 मिनट का संपर्क समय होता है।
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ये है इसरो की आगे की प्लानिंग
SpaDeX मिशन की सफलता के बाद इसरो की योजना 2040 तक चंद्रमा की कक्षा में क्रू स्पेस स्टेशन स्थापित करने और 2028 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से सैंपल-रिटर्न मिशन पूरा करने की है। गहन परीक्षण और सिमुलेशन के साथ, इसरो SpaDeX मिशन की सफलता के लिए पूरी तरह तैयार है। विशेषज्ञों और अंतरिक्ष प्रेमियों को मार्च 2025 में इस ऐतिहासिक प्रयास के सफल होने की उम्मीद है।
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