/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/12/pnU6jGvRDUKTuRxrnTjR.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने अपने हाइब्रिड वीटीओएल यूएवी ‘रुद्रास्त्र’ (Rudrastra) का सफल परीक्षण 11 जून 2025 को राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में पूरा कर लिया। यह परीक्षण भारतीय सेना द्वारा तय किए गए प्रदर्शन मानकों- वर्टिकल टेकऑफ एंड लैंडिंग (VTOL), लंबी उड़ान क्षमता, सटीक टारगेटिंग औरमिशनमें लचीलापन के अनुरूप किया गया।
उन्नत प्रदर्शन क्षमता का सफल प्रदर्शन
परीक्षण के दौरान ‘रुद्रास्त्र’ ने 50 किलोमीटर से अधिक के मिशन रेडियस को कवर किया, जिसमें UAV सफलतापूर्वक अपने लॉन्च पॉइंट पर लौट आया। लक्ष्य क्षेत्र पर मंडराने (loitering) सहित कुल रेंज 170 किलोमीटर से अधिक रही, जबकि अनुमानित उड़ान समय लगभग 1.5 घंटे का रहा।
एयरबर्स्ट विस्फोट से सफल लक्ष्यभेदी परीक्षण
परीक्षण का एक प्रमुख आकर्षण रहा मध्यम ऊंचाई से छोड़े गए एक प्रिसिजन गाइडेड एंटी-पर्सनल वॉरहेड का सफल प्रदर्शन। यह वारहेड कम ऊंचाई पर एयरबर्स्ट डिटोनेशन के जरिए व्यापक क्षेत्र में घातक प्रभाव उत्पन्न करने में सफल रहा, जो taktik प्रभावशीलता के मानकों पर खरा उतरा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
यह परीक्षण न केवल स्वदेशी रक्षा क्षमताओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी मजबूती प्रदान करता है। ‘रुद्रास्त्र’ जैसे प्लेटफॉर्म भारतीय सेना को आधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
'भार्गवास्त्र' : दुश्मन ड्रोन पर सटीक प्रहार
SDAL ने हाल ही में 13 और 14 मई को गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में ‘भार्गवास्त्र’ नामक एक कम-लागत वाले काउंटर-ड्रोन सिस्टम का भी परीक्षण किया था। यह प्रणाली दुश्मन ड्रोन झुंड (drone swarms) को खत्म करने के लिए माइक्रो-रॉकेट्स का इस्तेमाल करती है। तीन चरणों में हुए परीक्षण में सिंगल और सैल्वो मोड में कुल चार रॉकेट लॉन्च किए गए, जो सभी परीक्षण मापदंडों पर खरे उतरे। SDAL ने बताया कि ‘भार्गवास्त्र’ प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी है और इसमें भविष्य में जैमिंग व स्पूफिंग जैसी 'सॉफ्ट किल' तकनीकें भी जोड़ी जा सकती हैं, जिससे यह सभी सेनाओं के लिए एक समग्र और बहुस्तरीय सुरक्षा कवच प्रदान कर सके।
India Defense News | indian army | indian army security