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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को लेकर सख्त रूख अपना रहे हैं। दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने सात माह के दरम्यान 1703 भारतीयों को अमेरिका से निकाला है। यानी औसतन प्रतिदिन 8 भारतीयों को निर्वासित किया है। जबकि विदेश मंत्रालय के आकंड़ों केअनुसार वर्ष 2009 से वर्ष 2024 तक कुल 15,564 भारतीय नागरिकों को अमेरिका द्वारा निर्वासित किया गया है। इतना ही नहीं, ट्रंप के कार्याकाल में पहली बार ऐसा हुआ कि निर्वासित भारतीयों को बेड़ी-हथकड़ी में बांधकर वापस भेजा गया, जो काफी अपमानित करने वाला कदम था।
बाइडन के कार्यालय में 3 भारतीयों को निर्वासन हुआ
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आंकड़े के मुताबिक जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन में काफी तेजी आई है। यह संख्या जो बाइडन के कार्यकाल की तुलना में दोगुनी से अधिक है। औसतन हर दिन 8 भारतीयों को निर्वासित किया गया जबकि 2020-2024 के बीच यह संख्या 3 थी। साढ़े पांच सालों में 7244 भारतीयों को निर्वासित किया गया, जिनमें से 1703 ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद वापस भेजे गए। वर्ष 2009 से 2024 तक निर्वासित होने का यह आंकड़ा 15,564 है।
जयशंकर ने माना, अमेरिका में आव्रजन नियम सख्त
विदेश मंत्री ए जयशंकर ने लोकसभा में लिखित सवाल के जवाब में कहा था कि अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग का आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) विभाग, अमेरिका में निष्कासन आदेश जारी करने संबंधी न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर लेने के उपरांत चार्टर्ड या वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से व्यक्तियों का निर्वासन करता रहा है। इस दौरान, निर्वासित लोगों को या तो हिरासत में रखा जाता है या संयुक्त राज्य अमेरिका के भू-क्षेत्र के भीतर रहने दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त, गृह सुरक्षा विभाग का सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी) विभाग, व्हाइट हाउस-यूएसए की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की अगुवाई में वृहत "राष्ट्रीय सुरक्षा पहल" के हिस्से के रूप में जनवरी 2025 से निर्वासन अभियान चला रहा है। जनवरी 2025 से अब तक कुल 388 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से भारत वापस भेजा गया है। इनमें से 333 भारतीय नागरिकों को सत्यापन के बाद अमेरिका से सीधे भारत वापस भेजा गया। इसके अतिरिक्त, अमेरिका ने पनामा के रास्ते 55 भारतीय नागरिकों को वापस भेजा।
ट्रंप के आने के बाद कड़ी हुई आव्रजन नीति
ट्रंप प्रशासन ने 2025 की शुरुआत से ही आव्रजन नीति को काफी सख्त कर दिया था। विदेश विभाग ने कहा, "हम वीजाधारकों की लगातार जांच करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सभी अमेरिकी कानूनों और आव्रजन नियमों का पालन कर रहे हैं। अगर वो ऐसा नहीं कर रहे हैं तो हम वीजा रद कर देंगे और उन्हें निर्वासित कर देंगे।"
अमेरिका ने कैसे की भारतीयों की वापसी?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल निर्वासित किए गए 1703 लोगों में से 864 का निर्वासन चार्टर और सैन्य उड़ानों के जरिए हुआ। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सैन्य उड़ानों) ने 5, 15 और 16 फरवरी को 333 लोगों को वापस भेजा। अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने प्रवर्तन और निष्कासन अभियानों के जरिए 19 मार्च, 8 जून और 25 जून के चार्टर फ्लाइट के जरिए कुल 231 लोगों को निर्वासित किया। होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने भी चार्टर के जरिए 5 और 18 जुलाई को 300 लोगों को वापस भारत भेजा। इसके अलावा, 747 भारतीयों को व्यवसायिक उड़ानों के जरिए वापस भेजा गया। पनामा से भी 72 लोगों की वापसी इसी दौरान हुई।
इन राज्यों के लोगों की हुई वापसी
अगर राज्यवार देखा जाए तो सबसे ज्यादा पंजाब के 620 लोगों को डिपोर्ट किया गया। इसके बाद हरियाणा के 604, गुजरात के 245, उत्तर प्रदेश के 38, गोवा के 26, महाराष्ट्र और दिल्ली के 20-20, तेलंगाना के 19, तमिलनाडु के 17, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के 12 और कर्नाटक के 5 लोगों को वापस भेजा गया। Indian deportation from USA | Trump immigration policy | donald trump | donald trump oath | donald trump news | Biden vs Trump