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Photograph: (IANS)
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नई दिल्ली, आईएएनएस। भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर सोमवार को दिल्ली पहुंचे अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने सपरिवार अक्षरधाम मंदिर के दर्शन किए। इससे इससे पहले उन्हें हवाई अड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जहां केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनकी अगवानी की। इस दौरान वेंस के तीन बच्चे - इवान, विवेक और मीराबेल - पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने हुए नजर आए। उच्च स्तरीय यात्रा के लिए दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
पेंटागन और विदेश विभाग के अधिकारी भी आए
अमेरिकी उपराष्ट्रपति के साथ पेंटागन और विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी चार दिवसीय यात्रा पर आए हैं। वह जयपुर और आगरा भी जाएंगे। उपराष्ट्रपति वेंस की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अहम व्यापार समझौतों को लेकर बातचीत हो सकती है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। यह दोनों नेताओं की दूसरी द्विपक्षीय बैठक होगी। पहली मुलाकात फरवरी में पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। वहां से प्रधानमंत्री व्हाइट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के लिए वाशिंगटन डीसी चले गए थे।
ट्रंप के इस कार्यकाल में दूसरा बड़ा भारतीय दौरा
वेंस इस कार्यकाल में भारत आने वाले ट्रंप प्रशासन के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी हैं। पहली बार राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड भारत आई थीं, जिन्होंने मार्च में दौरा किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री और अन्य अधिकारियों से मिलने के अलावा रायसीना डायलॉग को भी संबोधित किया था। रायसीना डायलॉग राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के नेताओं और दुनिया भर के विशेषज्ञों की एक वार्षिक सरकार समर्थित बैठक है। वेंस 13 वर्षों में भारत की यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैं। इससे पहले 2013 फरवरी में तत्कालीन उपराष्ट्रपति और बाद में राष्ट्रपति बने जो बाइडन भारत आए थे।
शाम को पीएम मोदी के साथ होगी बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम को 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर उपराष्ट्रपति वेंस की मेजबानी करेंगे। इस बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर चर्चा के साथ-साथ दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को गहराने के तरीकों पर विचार किया जाएगा। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी उपस्थित रहेंगे। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा करने और 13 फरवरी को प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान जारी संयुक्त बयान के कार्यान्वयन की स्थिति का जायजा लेने का अवसर देगी। साथ ही दोनों पक्ष क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।"