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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में बुजुर्ग महिला की मौत, कर्फ्यू और शटडाउन से जनजीवन ठप

मणिपुर में बुजुर्ग कुकी महिला की मौत के बाद ITLF ने अनिश्चितकालीन शटडाउन का ऐलान किया। कई जिलों में कर्फ्यू लगा है, जनजीवन ठप है और हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

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Pratiksha Parashar
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फाइल फोटो

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कमणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर जिले (Churachandpur District) में गुरुवार को सुरक्षा बलों और अज्ञात हमलावरों के बीच हुई गोलीबारी में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई, जो कुकी समुदाय से थी। पुलिस के अनुसार, महिला सर्च ऑपरेशन के दौरान हुए क्रॉस फायर की चपेट में आ गई। जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल है। चुराचांदपुर समेत कुकी बहुल इलाकों में इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है, जिससे मणिपुर में जनजीवन ठप हो गया है।

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किसान को गोली लगने के बाद सर्च ऑपरेशन

लांगचिंगमनबी गांव की महिला होइखोलहिंग की गोलीबारी में मौत हो गई थी, जिससे लोगों में आक्रोश है। कुकी महिला की मौत के विरोध में अनिश्चितकालीन शटडाउन किया गया है। सुरक्षा बलों ने यह सर्च ऑपरेशन बिष्णुपुर जिले में एक मैतेई किसान को गोली लगने की घटना के बाद शुरू किया था। बताया गया कि किसान को गोली पास की पहाड़ियों से चलाई गई थी, जहां संदिग्ध हमलावर छिपे हुए थे। इसी दौरान महिला को गोली लगी। ITLF और अन्य कुकी संगठनों ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता बताया है और न्यायिक जांच की मांग की है। सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

हिंसा की जड़. मैतेई नेता की गिरफ्तारी

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राज्य में ताजा हिंसा की शुरुआत 7 जून को उस समय हुई, जब मैतेई समुदाय से जुड़े पूर्व पुलिसकर्मी और अरम्बई टेंगोल संगठन के सदस्य अशेम कनन सिंह को CBI ने गिरफ्तार किया। वह पहले मणिपुर पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था, लेकिन आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के चलते मार्च में निलंबित कर दिया गया था। अशेम पर हथियारों की तस्करी का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद इंफाल समेत कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी। गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, सड़कों पर टायर और फर्नीचर जलाए गए, और कुछ प्रदर्शनकारियों ने खुद को जलाने तक की कोशिश की।

कर्फ्यू और इंटरनेट बंद

स्थिति को काबू में लाने के लिए इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इसके साथ ही इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।

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बेकाबू होती महंगाई और ज़रूरी वस्तुओं की किल्लत

लगातार हो रही हिंसा, रास्तों की नाकेबंदी और ट्रांसपोर्ट बाधित होने के कारण मणिपुर में जरूरी सामानों की भारी कमी हो गई है। विशेष रूप से चुराचांदपुर और इंफाल में खाद्य पदार्थ और दवाइयां मुश्किल से मिल रही हैं। चुराचांदपुर, जो कुकी समुदाय का गढ़ माना जाता है, नेशनल हाईवे-2 और 37 पर निर्भर करता है। फिलहाल ये दोनों रास्ते बंद हैं, जिससे ट्रकों को मिजोरम का लंबा रास्ता अपनाना पड़ रहा है। अधिकतर सामान मिजोरम के रास्ते आ रहा है, जिससे लागत और दाम दोनों बढ़ गए हैं। 

राष्ट्रपति शासन के बावजूद सरकार गठन की मांग

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मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है, हालांकि विधानसभा को औपचारिक रूप से भंग नहीं किया गया है। 30 अप्रैल को राज्य के 21 विधायकों ने, जिनमें से 14 भाजपा से हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में जल्द से जल्द जन प्रतिनिधित्व वाली सरकार बनाए जाने की मांग की थी।  Manipur | violence 

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