Advertisment

आषाढ़ मास आज से शुरू, इस माह भूलकर भी न करें ऐसे काम, जानिए क्या है वजह

आषाढ़ मास में शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। यह मास वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है और भारतीय संस्कृति में इसका विशेष धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व है। 

author-image
Mukesh Pandit
Aashad mas
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास ज्येष्ठ मास के बाद और श्रावण मास से पहले आता है, जो आमतौर पर जून-जुलाई के महीनों में पड़ता है। यह मास वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है और भारतीय संस्कृति में इसका विशेष धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व है। हालांकि, आषाढ़ मास में शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है।

Advertisment

क्या है शुभ कार्य की मनाही की वजह

आषाढ़ मास में शुभ कार्यों की मनाही के पीछे धार्मिक, वैज्ञानिक, और सामाजिक कारणों का समन्वय है। यह समय प्रकृति के बदलाव, भगवान के विश्राम, और मानव जीवन में संयम का प्रतीक है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्यों से परहेज करके लोग आध्यात्मिक और व्यावहारिक रूप से इस मास का सम्मान करते हैं। इसके बजाय, यह समय भक्ति, दान, और आत्मचिंतन के लिए उपयोगी है। इस प्रकार, आषाढ़ मास हमें जीवन में संतुलन और धैर्य का महत्व सिखाता है, जो किसी भी शुभ कार्य की सफलता के लिए आवश्यक है।

आषाढ़ मास में क्या नहीं करना चाहिए?

Advertisment

आषाढ़ मास में विवाह, सगाई, और अन्य वैवाहिक समारोह आयोजित करना वर्जित माना जाता है। यह इसलिए क्योंकि इस मास में चातुर्मास की शुरुआत होती है, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। नए घर में प्रवेश करना या गृह निर्माण शुरू करना भी इस मास में शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि इस समय प्रकृति में अस्थिरता रहती है, जो नए कार्यों के लिए अनुकूल नहीं होती। hindus 

मुंडन और अन्य संस्कार

बच्चों का मुंडन, यज्ञोपवीत, और अन्य धार्मिक संस्कार भी आषाढ़ में टाले जाते हैं। इसका कारण यह है कि इस समय देवता विश्राम की स्थिति में होते हैं। नया व्यवसाय शुरू करना, दुकान खोलना, या कोई बड़ा निवेश करना भी इस मास में वर्जित है। मान्यता है कि इस दौरान शुरू किए गए कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। हालांकि तीर्थ यात्रा पूरी तरह वर्जित नहीं है, लेकिन गैर-जरूरी यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है। वर्षा ऋतु के कारण रास्तों में कीचड़ और जलभराव होने से यात्रा असुविधाजनक हो सकती है

Advertisment

नए वस्त्र या आभूषण खरीदना 

कुछ क्षेत्रों में नए कपड़े या आभूषण खरीदने से भी परहेज किया जाता है, क्योंकि यह समय सादगी और संयम का माना जाता है। 

आषाढ़ मास में शुभ कार्यों की मनाही के पीछे क्या हैं कारण

Advertisment

1. धार्मिक कारण

हिंदू धर्म में आषाढ़ मास से चातुर्मास शुरू होता है, जो भगवान विष्णु के शयन काल का समय है। इस दौरान भगवान बिष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस अवधि में विष्णु भक्त संन्यासी जीवन जीता है। इस समय मांगलिक कार्यों को करने से बिष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति नहीं होती।

2. वैज्ञानिक कारण

आषाढ़ मास वर्षा ऋतु की शुरुआत का समय है। इस दौरान बारिश के कारण मौसम में नमी बढ़ती है, जिससे कीट-पतंगों और रोगों का खतरा बढ़ जाता है। विवाह या गृह प्रवेश जैसे समारोह में लोगो की भीड़ और खाने-की पीने की वस्तुओं के कारण बीमारी फैलने की संभावना रहती है। इसके अलावा, बारिश के कारण निर्माण कार्य करना भी मुश्किल होता है।

3. सामाजिक और व्यावहारिक कारण

वर्षा ऋतु में सड़कों पर कीचड़ और जलभराव के कारण यात्रा करना असुविधाजनक हो सकता है। बारात या अन्य समारोह के लिए मेहमानों का आना-जाना मुश्किल होता है। साथ ही, इस समय कृषि कार्यों की शुरुआत होती है, और लोग खेती-बाड़ी में व्यस्त रहते हैं। इसलिए सामाजिक समारोहों के लिए यह समय उपयुक्त नहीं माना जाता।

4. आध्यात्मिक कारण

आषाढ़ मास को संयम और तपस्या का समय माना जाता है। यह समय आत्मचिंतन, ध्यान, और भक्ति के लिए उत्तम होता है। शुभ कार्यों से ध्यान भटकने की बजाय, इस समय को भगवान की उपासना और आध्यात्मिक विकास के लिए उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

आषाढ़ मास में क्या करना चाहिए?

हालांकि शुभ कार्य वर्जित हैं, लेकिन आषाढ़ मास में कई धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य किए जा सकते हैं:
पूजा-पाठ और व्रत: भगवान विष्णु की पूजा, एकादशी व्रत, और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ माना जाता है। गरीबों को भोजन, वस्त्र, और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करना पुण्यकारी होता है। इस समय को आत्मनिरीक्षण और योग के लिए उपयोग करें। कुछ लोग इस समय चार धाम यात्रा या अन्य तीर्थ स्थानों की यात्रा करते हैं, जो शुभ मानी जाती है।  hindu festival | hindu | hindu guru | hinduism | hindu god |

hindu hinduism hindu god hindu festival hindu guru hindus
Advertisment
Advertisment