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Somvar Upvas katha: यहां जाने सोमवार व्रत के लाभ, नियम और पूजा विधि

सोमवार व्रत हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय व्रतों में से एक है। श्रद्धालु मानते हैं कि भगवान शिव की आराधना और सोमवार व्रत का पालन करने से जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है। हम आपको बताएंगे कि सोमवार व्रत क्या है, इसकी पूजा विधि क्या है। 

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Mukesh Pandit
Somavar  varat
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हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्र कैलेंडर के हर सोमवार को भगवान शिव को समर्पित माना गया है। इस दिन भक्तगण भगवान शिव की कृपा पाने के लिए पूर्ण या आंशिक उपवास रखते हैं। सोमवार व्रत हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय व्रतों में से एक है। श्रद्धालु मानते हैं कि भगवान शिव की आराधना और सोमवार व्रत का पालन करने से जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है। हम आपको बताएंगे कि सोमवार व्रत क्या है, इसकी पूजा विधि क्या है, और इसके नियम क्या हैं। hindu festival n

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देश में असंख्य देवी-देवताओं की पूजा होती है

पवित्र और धार्मिक परंपराओं से समृद्ध देश है, जहां असंख्य देवी-देवताओं की पूजा होती है। यहां की विभिन्न संस्कृतियाँ और त्यौहार लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं, जिससे यह देश अतुल्य भारत के नाम से प्रसिद्ध है। सदियों से हिंदू धर्म के अनुयायी अपने आध्यात्मिक, शारीरिक और आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न देवी-देवताओं की आराधना करते आ रहे हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है सोमवार व्रत  जो भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।

सोमवार का व्रत क्यों रखते हैं 

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सोमवार का व्रत भगवान शिव और चंद्रदेव की आराधना के लिए रखा जाता है, जिसे अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। इस व्रत को करने से मानसिक तनाव समाप्त होता है और मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि व्रतधारी की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं। शिवजी की कृपा से घर में सुख-शांति का वास होता है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। यह व्रत भक्तों को शंकर भगवान की विशेष कृपा का अनुभव कराता है और उन्हें आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।

सोमवार व्रत के नियम 

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर शिवलिंग के सामने दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें। दिन में एक ही बार भोजन करें और शाम को व्रत खोलें। शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं का गंगाजल से जलाभिषेक करें। शिवलिंग पर मिश्री, दूध, दही, शहद, बिल्वपत्र, चमेली या आंकड़े के फूल और धतूरा अर्पित करें। मंत्रोच्चारण के साथ सुपारी, पंचामृत, नारियल और बेलपत्र चढ़ाएं। माता पार्वती को सोलह शृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं।

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शिवलिंग पर केसर और चंदन का तिलक लगाएं। धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं। फिर शिवलिंग की अर्ध परिक्रमा करते हुए ध्यान करें। जहाँ से दूध बहता हो वहीं रुक जाएं और वापस लौट आएं। शिवलिंग पर रोली, सिंदूर, कुमकुम, तुलसी आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजा के अंत में शिव चालीसा और आरती का पाठ कर प्रसाद वितरित करें। दिन में दो बार शिव की प्रार्थना करें।

व्रत के दौरान शिव-पार्वती की कथा सुनना आवश्यक है। व्रत को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ करने से शिव सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और नकारात्मकता दूर होती है। व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें। अन्न और नमक से परहेज करें और फल, दूध, या विशेष व्रत का प्रसाद ग्रहण करें। कई भक्त केवल एक समय फलाहार करते हैं।

सोमवार व्रत पूजा विधि 

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घर में पूजा करने के लिए पूजा कक्ष को साफ करें और फूलों से सजाएं और गाय के घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। किसी शांतिपूर्ण कोने में भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें, फिर सबसे पहले भगवान गणेश से प्रार्थना करें। पूजा की शुरुआत शिवलिंग पर अभिषेक से करें। गंगाजल मिश्रित जल चढ़ाएं, उसके बाद दूध, शहद, चीनी, घी और दही को मिलाकर बना पंचामृत चढ़ाएं और फिर दोबारा जल डालें। शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और सफेद फूल, बिल्व पत्र, धतूरे का फूल, फल और चावल चढ़ाएं। शाम को पूजा समाप्त करने के लिए घी के दीपक से आरती करें और शिवलिंग और चंद्र देव को फूल और जल चढ़ाएं।

सोमवार व्रत के लाभ 

भविष्य पुराण (Bhavishya Puran) के अनुसार वर्ष के अन्य सभी व्रत सोमवार व्रत की महिमा को छू भी नहीं सकते। जो लोग सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं वे हमेशा अपने प्रयासों में सफल होते हैं। आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य, सौभाग्य और प्रतिष्ठा की प्राप्ति के लिए यह व्रत करना चाहिए। निःसंतान लोगों को संतान की प्राप्ति हो सकती है और अविवाहितों को मनपसंद जीवनसाथी मिल सकता है।

इस व्रत के सकारात्मक प्रभाव निश्चित रूप से किसी के जीवन से सभी प्रकार के भय और दुखों को मिटा देंगे। ऐसा माना जाता है कि जो लोग ईमानदारी और अत्यधिक विश्वास के साथ व्रत रखते हैं, उन्हें सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और वे आनंदमय जीवन जीते हैं।

सोमवार व्रत उद्यापन विधि 

सोमवार व्रत की उद्यापन विधि कुछ इस प्रकार है-

सोमवार व्रत उद्यापन के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। फिर पूजा स्थान को साफ करके वहां शिवलिंग की स्थापना करें। पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे गंगाजल, रोली, मोली, अक्षत, सिंदूर, धूप, दीपक, फूल, नैवेद्य और प्रसाद इकट्ठा करें।
भगवान गणेश और अन्य देवताओं का आह्वान करके पूजा शुरू करें। ध्यान और प्रार्थना करके मन को शांत करें।
सोमवार व्रत कथा का पाठ करें जो इस व्रत के महत्व को बताती है। फिर आरती और भक्ति गीत गाएं।
भगवान शिव को फूल अर्पित करें और प्रसाद चढ़ाएं। व्रत के दौरान एकाग्रता और भक्ति बनाए रखें।
अंत में व्रत का उद्यापन करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें। सोमवार व्रत की कथा सुनाएं और आशीर्वाद लें।  hindu god | hindu religion | religion 



 

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