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बेड़ी हनुमान मंदिर: यहां सदियों से बेड़ियों में जकड़े हैं भगवान हनुमान, जानें इसकी दिलचस्प कहानी

भारत में ऐसी जगह है, जहां हनुमान लोहे की जंजीरों में कैद हैं। आखिर उन्हें किसने कैद किया और क्यों? आज हम आपको श्री जगन्नाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बने बेड़ी हनुमान मंदिर के बारे में बताएंगे।

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Mukesh Pandit
Temple Of India

हिंदू धर्म में भगवान हनुमानको उनकी असीम ऊर्जा और शक्ति के लिए जाना जाता है। महाशक्तिशाली रावण भी भगवान हनुमान की पूंछ तक को नहीं बांध पाया था, लेकिन भारत में ऐसी जगह है, जहां हनुमान लोहे की जंजीरों में कैद हैं। आखिर उन्हें किसने कैद किया और क्यों? आज हम आपको श्री जगन्नाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बने बेड़ी हनुमान मंदिर के बारे में बताएंगे।

 हनुमान लोहे की बेड़ियों में कैद 

उड़ीसा के पुरी समुद्र तट के पास चक्र तीर्थ रोड पर बेड़ी हनुमान मंदिर स्थित है। यहां हनुमान लोहे की बेड़ियों में कैद हैं। समंदर के पास होने की वजह से इस मंदिर को दरिया महावीर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान हनुमान भले ही यहां बेड़ियों से बंधे हैं, लेकिन वे पुरी के रक्षक के तौर पर सालों से यहां विराजमान हैं।

समुद्र देवता को दिया था रोकने का आदेश

ऐसा माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए समुद्र देवता जब भी आते थे, तब पुरी के आस-पास के गांव पानी में डूब जाते थे और बहुत नुकसान होता था। एक दिन भक्तों ने अपनी परेशानी भगवान जगन्नाथ को सुनाई। भक्तों की परेशानी सुनकर भगवान जगन्नाथ ने समंदर तट के किनारे भगवान हनुमान को तैनात किया और उन्हें समुद्र देवता को रोकने का आदेश दिया।

राम नाम का भजन-कीर्तन सुनाई देता है

अब कुछ समय तक भगवान हनुमान अच्छे से अपना कर्तव्य पूरा करते रहे, लेकिन जब भी उन्हें राम नाम का भजन-कीर्तन सुनाई देता, तो वे समंदर तट छोड़कर भजन-कीर्तन में शामिल होने के लिए चले जाते। ऐसे में समुद्र देव को मौका मिला और एक बार फिर पुरी के आसपास के गांव पानी में डूब गए और पानी जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह तक पहुंच गया।

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क्या है बेड़ियों में बांधने की कथा

ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए भगवान जगन्नाथ ने भगवान हनुमान को लोहे की बेड़ियों से बांध दिया, जिससे वे राम नाम कीर्तन सुनने के बाद भी कहीं जा न सकें। तब से लेकर आज तक वे समंदर किनारे पुरीवासियों की रक्षा कर रहे हैं।मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा बहुत भव्य है। उनके दाहिने हाथ में गदा और बाएं हाथ में लड्डू है। माना जाता है कि यहां भक्त भगवान हनुमान से संरक्षण की मनोकामना लेकर जाते हैं। अगर किसी भक्त को जीवन में किसी से खतरा महसूस होता है, तो वे हनुमान से भय से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।

मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी किया गया

मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता की प्रतिमा भी मौजूद है। मंदिर की वास्तुकला की बात करें तो मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी ईस्वी में सूर्यवंशी गजपति राजाओं ने कराया था और मंदिर की दीवारों और उनके गुंबद पर पारंपरिक उड़िया शैली की झलक दिखती है। आईएएनएस Bedi Hanuman Temple | temple | historical temple | indian temple

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