महाकुंभनगर, वाईबीएन नेटवर्क।
Lord Shiva Teachings: सनातन धर्म में महादेव को देवों के देवता माना गया है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता प्रचलित है कि सभी देवी-देवताओं में महादेव की भक्ति सबसे सरल है, क्योंकि भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए मात्र सच्चा भाव और मन ही काफी होता है। भगवान शंकर मात्र एक लेटा जल से ही संतुष्ट हो जाते हैं। वैसे तो सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शंकर और मां पार्वती का पूजन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन अगर आप जीवन में अपार खुशियां चाहते हैं तो भोलेनाथ की इन 4 बातों को अपने जीवन में जरूर उतार लें।
महिलाओं के प्रति सम्मान
शास्त्रों में लिखा हुआ है कि भोलनाथ कभी भी नर और नारी को भेदभाव की नजर से नहीं देखते। भगवान शंकर का एक स्वरूप अर्धनारीश्वर भी है, जिसका अर्थ है आधा शरीर नर का और आधा शरीर पुरुष का। भोलेनाथ का यह अवतार पुरुष और महिला दोनों के समान होने का संदेश देता है। जितना महत्व समाज और परिवार में एक पुरुष का है, उतना ही महत्व एक स्त्री का भी है। स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं, इसलिए एक दूसरे के बिना इनका जीवन अधूरा है।
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मदद का भाव रखना
शास्त्रों में हमने जितना भी भगवान शंकर के बारे में पढ़ा है, उससे ये स्पष्ट होता है कि वह हमेशा जन कल्याण और सेवा के लिए तैयार रहते हैं। इसका एक सबसे बेहतरीन उदाहरण है- भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान सभी देवी-देवताओं को बचाने के लिए खुद विष का सेवन किया था। इस बात से भगवान शंकर ने यह साबित किया कि जितना हम जरूरतमंदो या दूसरों की सहायता करेंगे, उतना ही हमें प्रेम और सम्मान मिलेगा।
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समानता की भावना रखना
महादेव ने देवी-देवताओं और अपने भक्तों के बीच कभी कोई भेदभाव नहीं किया। भोलेनाथ अपने हर भक्त के प्रति एक जैसा भाव रखते हैं, फिर चाहें भक्त, देवी-देवता हो, असुर हो या फिर कोई आम इंसान। भगवान शंकर के इस स्वभाव से हमे भी हर किसी के प्रति समान भाव रखने की प्ररेणा लेनी चाहिए।
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जीवन में शांति बनाए रखना
भोलेनाथ की प्रतिमा में चंद्रमा उनके माथे पर विराजमान है, जो शीतलता और शांति का प्रतीक माना जाता है। इससे हमे जीवन में ये सीख मिलती है कि हर एक परिस्थिति में हमें शांति से काम लेना चाहिए और जीवन में शांति बनाए रखनी चाहिए।
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