/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/21/malyavant-raghunath-templen-2025-11-21-19-13-20.jpg)
भगवान राम और रामायण से जुड़े धार्मिक स्थल भारत के कई कोनों में मौजूद हैं। चित्रकूट में आज भी भगवान राम के पदचिन्हों हैंवहीं, कर्नाटक में एक ऐसा मंदिर है, जो भगवान राम के जीवन प्रसंगों का प्रतीक है। कर्नाटक के हम्पी में बने श्री माल्यवंत रघुनाथ मंदिर में आज भी भगवान राम और लक्ष्मण के होने के प्रमाण मिलते हैं।
पहाड़ी पर शिला को काटकर बनाया गया मंदिर
कर्नाटक के हम्पी के वेंकटपुरा के पास श्री माल्यवंत रघुनाथ मंदिर स्थापित है। यह मंदिर जमीन पर नहीं बल्कि पहाड़ी पर शिला को काटकर बनाया गया है। बड़ी सी शिला में कई तरह की दरारें आज भी मौजूद हैं। माना जाता है कि भगवान राम ने यहां अपना निवास स्थान बनाने के लिए पहले तीर चलाया। तीर चलाने की वजह से शिला में कई दरारें पड़ गईं, जो आज तक मौजूद हैं।
राम के तीर से बनी थी गुफा जैसी संरचना
मान्यता है कि मां सीता के अपहरण के बाद से श्री राम और लक्ष्मण बहुत व्याकुल थे। मानसून होने की वजह से वे अपनी सेना के लिए कोई स्थान नहीं ढूंढ पा रहे थे, लेकिन तभी भगवान राम ने एक विशाल चट्टान की ओर एक तीर चलाया और एक गुफा जैसी संरचना बन गई। इसी जगह पर वे अपनी सेना के साथ बारिश से बचने के लिए रुके थे।
भगवान राम के सुख और दुख दोनों से जोड़कर देखा जाता है
इतना ही नहीं, इसी जगह पर भगवान हनुमान ने मां सीता के कुशल होने की जानकारी प्रभु श्रीराम को दी थी। इसी वजह से मंदिर को भगवान राम के सुख और दुख दोनों से जोड़कर देखा जाता है।मूल मंदिर को बनाने के सही प्रमाण मौजूद नहीं हैं, लेकिन कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण 600 वर्ष पूर्व कृष्णदेवराय के शासनकाल में हुआ था। मंदिर की दीवारों पर भगवान शिव, भगवान राम, मां सीता और हनुमान की प्रतिमाएं देखने को मिल जाती हैं।
ध्यान की मुद्रा में भगवान राम की प्रतिमा
खास बात ये है कि मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की ऐसी मूर्ति मौजूद है, जो ध्यान की मुद्रा को दिखाती है। गर्भगृह में भगवान राम आसन पर बैठे हैं। उनके साथ कमल पर मां सीता और बगल में भगवान लक्ष्मण भी मौजूद हैं। यह भारत की पहली भगवान राम की ऐसी मूर्ति है, जिनके हाथों में कोई अस्त्र नहीं है। आमतौर पर भगवान राम के साथ हमेशा धनुष और बाण देखा गया है।मंदिर का ज्यादातर हिस्सा अब जर्जर हो चुका है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मुगल काल में मंदिर को तोड़ने की कोशिश की गई थी। मंदिर के सामने आज भी एक विशाल शिला मौजूद है।आईएएनएस Hindu Temple Politics | temple | indian temple
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/11/dXXHxMv9gnrpRAb9ouRk.jpg)