नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।नवरात्रि का सातवां दिन 4 अप्रैल शुक्रवार को है। इस दिन विशेष रूप से मां कालरात्रि की पूजा का महत्व है।
नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। जिन्हें अंधकार और बुरी शक्तियों को नष्ट करने वाली देवी माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से अंधकार, भय और संकट से मुक्ति पाने के लिए आदर्श होता है। माता कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी रुकावटें समाप्त होती हैं और व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
मां कालरात्रि का स्वरूप
मां कालरात्रि का रूप अत्यधिक भयावह और शक्तिशाली है। उनका शरीर पूरी तरह से काले रंग का है और उनकी श्वास से आग की लपटें निकलती हैं। उनके लंबे और बिखरे हुए बाल हैं और उनके चार हाथ और तीन नेत्र हैं। एक हाथ में वे खड्ग (तलवार) रखती हैं, दूसरे हाथ में लौह शस्त्र, तीसरे हाथ में वरमुद्रा और चौथे हाथ में अभय मुद्रा का प्रतीक है। उनका रूप अत्यधिक डरावना होने के बावजूद, वे अपने भक्तों को हर प्रकार के संकट से मुक्त करती हैं।
मां कालरात्रि पूजा विधि
- स्नान और वस्त्र धारण: पूजा शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां कालरात्रि की प्रतिमा शुद्ध करना: मां कालरात्रि की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
- पूजा सामग्री: मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद, रोली, कुमकुम, गुलाल और अक्षत अर्पित करें।
- भोग: मां को गुड़, मेवा, मिष्ठान और फल अर्पित करें। विशेष रूप से शहद का भोग अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है।
- आरती: पूजा के बाद मां की आरती अवश्य उतारें।
मां कालरात्रि का भोग
मां कालरात्रि को गुड़ अत्यधिक प्रिय है। इस दिन, नवरात्रि के सातवें दिन विशेष रूप से मां दुर्गा को गुड़ अर्पित करना चाहिए, ताकि माता की कृपा प्राप्त हो। वहीं मां कालरात्रि को लाल रंग बहुत प्रिय है। इस दिन पूजा करते समय यदि
श्रद्धालु लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं तो यह विशेष रूप से शुभ माना जाता है और पूजा का असर और भी ज्यादा होता है।
मां कालरात्रि मंत्र
- क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:
- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
- या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
महत्व और लाभ
मां कालरात्रि की पूजा से न केवल मानसिक शांति और भय से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह पूजा हर प्रकार के संकट से बचाती है। जो भक्त निष्ठापूर्वक पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। देवी कालरात्रि के आशीर्वाद से अज्ञात भय और समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए बहुत लाभकारी होता है जो अपने जीवन में किसी प्रकार के संकट या भय से जूझ रहे हैं। मां कालरात्रि की कृपा से भक्तों को जीवन में हर मुश्किल का हल मिलता है और वे एक नई ऊर्जा और विश्वास के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैं। नवरात्रि के इस सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा से जीवन में खुशहाली और समृद्धि का संचार होता है।