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pmnavratri Photograph: (IANS)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के पावन अवसर पर माता दुर्गा की स्तुति में एक विशेष भजन साझा किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "देवी माता के आशीर्वाद से सबका कल्याण हो।" पीएम मोदी ने इस पोस्ट के साथ 'जागो दुर्गा दशप्रहरणधारिणी' भजन भी जोड़ा, जिसमें शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की महिमा का वर्णन है। नवरात्रि के दौरान देशभर में माता की भक्ति और श्रद्धा का माहौल है। पीएम मोदी का यह संदेश भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह भरने वाला माना जा रहा है।
विभिन्न स्वरूपों की उपासना
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी नवरात्रि के पहले दिन से ही रोजाना माता के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का उल्लेख सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नवरात्रि के पावन अवसर पर देवी माता से सभी भक्तों के कल्याण की प्रार्थना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'जागो दुर्गा दशप्रहरणधारिणी' भजन भी शेयर किया। यह भजन मां की कृपा और शक्ति की भावना व्यक्त करता है।
भक्ति भरा गीत 'जागो दुर्गा दशप्रहरणधारिणी'
देवी मां के चरणों में नमन और वंदन! उनसे कामना है कि सभी के दुखों को दूर कर उनके जीवन में नए तेज का संचार करें।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 29, 2025
देवी माता के आशीर्वाद से सबका कल्याण हो।https://t.co/zVcLK0BZVs
देवी मां के चरणों में नमन
पीएम मोदी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "देवी मां के चरणों में नमन और वंदन। उनसे कामना है कि सभी के दुखों को दूर कर उनके जीवन में नए तेज का संचार करें। देवी माता के आशीर्वाद से सबका कल्याण हो।"पीएम मोदी ने सोमवार को एक भक्ति भरा गीत 'जागो दुर्गा दशप्रहरणधारिणी' शेयर किया है, जिसे द्विजेन मुखर्जी ने गाया है। यह भजन एल्बम 'दुर्गा वंदना' का हिस्सा है, जो मां दुर्गा की महिमा और शक्ति का गुणगान करता है। इस भजन के बोल और संगीत भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं।
दुर्गा अष्टमी और संधि पूजा
'जागो दुर्गा दशप्रहरणधारिणी' मां दुर्गा के दस शस्त्रों और उनकी असीम शक्ति का वर्णन करता है। यह भजन मां की महिमा, उनके दैवीय रूप और भक्तों पर उनकी कृपा को दर्शाता है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मंगलवार को है। इस दिन दुर्गा अष्टमी और संधि पूजा है। इस तिथि को सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे।
प्राण-प्रतिष्ठा केवल महासप्तमी
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर के 3 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
महाष्टमी के दिन मां दुर्गा की आराधना का आरंभ महास्नान और षोडशोपचार पूजा से किया जाता है। यह पूजा महासप्तमी के समान ही होती है, लेकिन प्राण-प्रतिष्ठा केवल महासप्तमी को होती है।
(इनपुट-आईएएनएस)