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MODINAVRATRI Photograph: (IANS)
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की विशेष उपासना का उल्लेख करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा कि मां स्कंदमाता की आराधना से भक्तों को शक्ति, ज्ञान और वैभव की प्राप्ति होती है। मोदी ने देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देवी की कृपा से सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे। प्रधानमंत्री अक्सर धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचार साझा करते हैं और लोगों से भारतीय परंपराओं को अपनाने की अपील करते हैं।
प्रधानमंत्री ने की स्कंदमाता की उपासना
नवरात्रि के पांचवें दिनप्रधानमंत्री मोदी ने माता स्कंदमाता की विशेष उपासना का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने माता स्कंदमाता से सभी भक्तों के लिए सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्रार्थना की।
मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता के चरणों में कोटिश: नमन! सुखदायिनी-मोक्षदायिनी माता के आशीर्वाद से सबका कल्याण हो। इस अवसर पर उनसे जुड़ी एक स्तुति… pic.twitter.com/21AUuazseD
— Narendra Modi (@narendramodi) October 7, 2024
भक्ति गीत 'जय जय देवी दुर्गा देवी'
पीएम मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्सपर अपनी पोस्ट में लिखा, "नवरात्रि में आज माता के पांचवें स्वरूप देवी स्कंदमाता की विशेष उपासना होती है। उनसे करबद्ध प्रार्थना है कि वे अपने सभी भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद दें। उनके ममतामयी स्नेह से हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा और उमंग का संचार हो।" प्रधानमंत्री नवरात्रि के पहले दिन से ही रोजाना माता के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का उल्लेख सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं। इससे पहले, उन्होंने नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की एक बेहद खास और भावपूर्ण पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दक्षिण भारत की प्रसिद्ध गायिका पी. सुशीला द्वारा गाया गया भक्ति गीत 'जय जय देवी दुर्गा देवी' शेयर किया था।
संतान सुख की प्राप्ति
नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता को पूजा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माता स्कंदमाता अपने भक्तों को ममता, शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। मां स्कंदमाता की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है और शत्रुओं का नाश होता है। शास्त्रों में इनकी महिमा का वर्णन है कि इनकी भक्ति से भवसागर पार करना सरल हो जाता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री होने के कारण इनकी उपासना करने वाला भक्त तेजस्वी और कांतिमय बनता है।
भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता
पुराणों के अनुसार, भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। कमल के आसन पर विराजमान होने से इन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है। चार भुजाओं वाली मां स्कंदमाता अभय मुद्रा में अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और गोद में छह मुख वाले बाल स्कंद को धारण करती हैं। कमल पुष्प लिए यह देवी शांति, पवित्रता और सकारात्मकता की प्रतीक हैं।
(इनपुट-आईएएनएस)