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Surya Grahan 2025 : सर्वपितृ पक्ष की अमावस्या तिथि पर लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें महत्व

15 दिनों के अंतराल में रविवार 21 सितंबर को दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ढक लेगा। NASA के अनुसार, ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा

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Mukesh Pandit
Surya Grahan 2025

प्रतीकात्मक तस्वीर। नासा

Surya Grahan 2025: 15 दिनों के अंतराल में रविवार 21 सितंबर को दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ढक लेगा। भारतीय मौसम विभाग, और NASA के अनुसार, यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक नहीं लगेंगे। सूर्यग्रहण का खगोलीय और ज्योतिषिय आधार पर अलग-अलग महत्व होता है। यह इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा, जो सर्वपितृ पक्ष की अमावस्या तिथि पर पितृ पक्ष खत्म होने पर लगेगा।

धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व

बता दें इससे पहले इसी महीने 07 सितंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा था। यह चंद्र ग्रहण पितृपक्ष के शुरू होने वाले दिन पर था और अब जब 21 सितंबर को सर्वपितृ पक्ष की अमावस्या तिथि पर पितृ पक्ष खत्म होगा तो उस दिन सूर्य ग्रहण लगेगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक नजरिए से ग्रहण का विशेष महत्व होता है। 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण लगेगा और धार्मिक नजरिए से सूर्य ग्रहण तब लगता है जब राहु-केतु सूर्य को अपना ग्रास बना लेते हैं, जिससे कुछ देर के लिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है। वहीं खगोलीय नजरिए से सूर्य ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है। साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण आंशिक होगा। 

रात 11 बजे से शुरू होगा सूर्य ग्रहण 

हिंदू पंचांग के अनुसार साल का आखिरी सूर्य ग्रहण सर्वपितृ पक्ष की अमावस्या तिथि पर लगेगा। यह एक खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। जो 21 सितंबर 2025, रविवार के दिन लगेगा। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 11 बजे शुरू होगा और जो 22 सितंबर को देर रात लगभग 3 बजकर 33 मिनट तक चलेगा। इस खंडग्रास की अवधि करीब 4 घंटे और 24 मिनट की होगी।

सूर्य ग्रहण 2025 और सूतक काल

धार्मिक और वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ग्रहण लगने से कुछ घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। जब चंद्र ग्रहण लगता तो ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है, वहीं सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है। सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। इसमें मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं। भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। 

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साल का आखिरी सूर्य ग्रहण क्या भारत दिखेगा?

साल 2025 का यह आखिरी सूर्य ग्रहण होगा जिसे 21 सितंबर को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात करीब 11 बजे से शुरू होगा इस कारण से भारत में ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।  21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल का आखिरी ग्रहण होगा। यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग, न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।  hindu god | hindu guru | hinduism

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