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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकियों और उनके ठिकानों को ढेर करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अब मदरसे में पढ़ाया जाएगा। इसका ऐलान उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड (Uttarakhand Madrasa Board) के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शमून कासमी ने किया है। इससे पहले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की गौरव गाथा शामिल करने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय का मौलाना मुफ्ती शमून कासमी ने सराहा है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता से अवगत कराया जा सकेगा।
हमारे बच्चों को जानना चाहिए भारतीय सेना का पराक्रम
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड ने कहा कि हमने प्रदेश के सभी मदरसों के लिए ऑपरेशन सिंदूर को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना अनिवार्य कर दिया है। हमारे बच्चों को जानना चाहिए कि कैसे भारतीय सेना ने बहादुरी से पाकिस्तान और पीओके के अंदर जवाबी हमला किया। जो एक ऐसा देश है, जिसका कोई संविधान नहीं है और जो आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। कासमी ने यह भी कहा कि धर्म को राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए, लेकिन राष्ट्र धर्म से भी ऊपर है। यही सर्वोच्च सिद्धांत है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था। हमले का मकसद पाकिस्तान से झगड़ा नहीं रहा। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में उन आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया, जहां से पहलगाम हमलों की साजिश रची गई थी।
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