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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड और सोनभद्र जैसे पिछड़े इलाकों के छात्रों की शिक्षा तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इसके तहत यदि किसी छात्र का स्कूल उसके घर से 5 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर है, तो उसे सालाना ₹6000 का यात्रा भत्ता दिया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों की नियमित उपस्थिति बढ़ाना और शिक्षा के प्रति रुझान को प्रोत्साहित करना है।
इन छात्रों को मिल सकेगा लाभ
यह योजना बुंदेलखंड और सोनभद्र क्षेत्र के जिलों—झांसी, चित्रकूट, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और सोनभद्र—में लागू की गई है। योजना का लाभ केवल कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को ही मिलेगा। लेकिन इस लाभ को प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित की गई हैं। सबसे अहम शर्त यह है कि छात्र की स्कूल उपस्थिति नियमित होनी चाहिए और उसमें कम से कम 10% की वृद्धि दिखाई देनी चाहिए। योजना का लाभ पाने के लिए छात्रों को एक घोषणा पत्र (Declaration Form) भरना होगा जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि उनके घर से 5 किलोमीटर की सीमा के भीतर कोई सरकारी माध्यमिक विद्यालय नहीं है। इस फॉर्म की सत्यापन प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान और स्कूल प्रिंसिपल, जबकि शहरी क्षेत्रों में स्थानीय पार्षद द्वारा की जाएगी।
सीधे बैंक खातों में जाएगी राशि
योजना के तहत यात्रा भत्ता की राशि सीधे छात्रों के बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाएगी। सरकार की योजना है कि पहली किस्त 5 सितंबर 2025 तक छात्रों को मिल जाए। यह योजना इसी वर्ष से प्रभावी रूप से लागू की जा रही है। इस पहल का लाभ केवल छात्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि PM श्री योजना के तहत चयनित 146 सरकारी स्कूलों की छात्राओं को भी इसका फायदा मिलेगा। इससे विशेषकर ग्रामीण इलाकों की वंचित और गरीब परिवारों की बेटियों को स्कूल तक पहुँचने में सहायता मिलेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना से करीब 24,000 छात्रों को और PM श्री स्कूलों की लगभग 4000 छात्राओं को सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार का एक सराहनीय प्रयास है।