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लखनऊ विश्वविद्यालय की पीएचडी छात्रा माचोई ग्लेशियर के रहस्यों से होगी रूबरू, राष्ट्रीय प्रशिक्षण में हुआ चयन

लखनऊ विश्वविद्यालय की भूविज्ञान विभाग की शोधार्थी अंकिता कुमारी का चयन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के प्रायोजित राष्ट्रीय ग्रीष्मकालीन विद्यालय के लिए हुआ है।

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Abhishek Mishra
Lucknow University

लखनऊ विश्वविद्यालय की शोधार्थी अंकिता का हिमनद अध्ययन के लिए चयन

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में भूविज्ञान विभाग की पीएचडी शोधार्थी अंकिता कुमारी केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय प्र​शिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनेगी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय ग्रीष्मकालीन विद्यालय (समर स्कूल–कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम) में देशभर से 20 शोधार्थियों का चयन किया गया है। इसमें अंकिता भी शामिल है। तीन सप्ताह का यह विशेष प्रशिक्षण कश्मीर विश्वविद्यालय के ग्लेशियर अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

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हिमनद अध्ययन का विशेष प्रशिक्षण

यह कार्यक्रम पश्चिमी हिमालय के माचोई हिमनद क्षेत्र में आयोजित होगा, जो जम्मू-कश्मीर के द्रास उप-नदी क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान सोनामार्ग से लगभग 26 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से करीब 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मचोई हिमनद द्रास नदी का प्रमुख स्रोत है, जो आगे चलकर कारगिल के समीप सूरू नदी से मिलती है।

कार्यक्रम के लिए 20 शोधार्थियों का हुआ चयन

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देशभर से केवल 20 शोधार्थियों का चयन इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए किया गया है। अंकिता का चयन लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। अंकिता भूविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनीत कुमार के निर्देशन में शोध कार्य कर रही हैं। डॉ. विनीत पिछले एक दशक से अधिक समय से हिमालयी क्षेत्रों के हिमनदों पर अध्ययन कर रहे हैं। उनके कई शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।

क्लाइमेट चेंज पर मिलेगा गहन प्रशिक्षण

कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय शोधार्थियों को हिमनद विज्ञान (Glaciology) एवं जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अंतःविषय अनुसंधान के लिए प्रशिक्षित करना है। प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा हिमनदों की संरचना, गतिशीलता और जलवायु परिवर्तन के प्रति उनकी संवेदनशीलता को समझने की आधुनिक तकनीकों एवं उपकरणों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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अंतरराष्ट्रीय मंच पर शोध की राह होगी सशक्त

यह प्रशिक्षण न केवल अंकिता के शोध कार्य को नई दिशा देगा, बल्कि उन्हें हिमनद विज्ञान के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने के लिए और अधिक सक्षम बनाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार ने अंकिता की इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

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