नई दिल्ली , वाईबीएन नेटवर्क।
तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केरल 2021-22 में उच्च शिक्षा संस्थानों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य में शामिल हो गए हैं। जबकि बिहार, छत्तीसगढ़, नगालैंड और झारखंड, उच्च शिक्षा संस्थानों में जीईआर में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं तथा उन्हें "आकांक्षी" श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। नीति आयोग की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। उच्च शिक्षा में नामांकित छात्रों की संख्या को 18-23 साल की आयु की आबादी से भाग दिया जाता है।
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कर्नाटक को "अग्रणी" श्रेणी में सूचीबद्ध
राज्यों और राज्य सरकार संचालित विश्वविद्यालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का विस्तार नामक नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़, नगालैंड, झारखंड और बिहार, उच्च शिक्षा संस्थानों में जीईआर में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं तथा उन्हें आकांक्षी श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, केरल, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जीईआर (2011-12 बनाम 2021-22) में दशकीय वृद्धि के संबंध में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे। नीति आयोग की उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने यह रिपोर्ट जारी की है, जिसमें सिक्किम, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक को "अग्रणी" श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
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छात्र-शिक्षक अनुपात बिहार के राज्य में सबसे अधिक
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) तमिलनाडु, गोवा और कर्नाटक के विश्वविद्यालयों में सबसे कम रहा, जबकि झारखंड और बिहार के विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक रहा। इसमें यह भी कहा गया है कि पीटीआर (2011-12 बनाम 2021-22) में दशकीय सुधार के संबंध में अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में उभरे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बिहार उच्च शिक्षा पर जीएसडीपी(सकल राज्य घरेलू उत्पाद) का 1.56 प्रतिशत खर्च करता है, उसके बाद मणिपुर (1.56 प्रतिशत) और मेघालय (1.33 प्रतिशत) का स्थान आता है। सबसे कम कॉलेज घनत्व वाले राज्य मणिपुर, बिहार और झारखंड हैं। कॉलेज घनत्व किसी राज्य में एक लाख पात्र जनसंख्या (18-23 वर्ष की आयु) पर कॉलेजों की कुल संख्या है। वर्ष 2022 में राष्ट्रीय औसत कॉलेज घनत्व 30 था।
उच्च शिक्षा में नामांकित छात्रों की संख्या को 18-23 साल की आयु की आबादी से भाग दिया जाता है। फिर, इस भाग को 100 से गुणा कर दिया जाता है। भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 28.4% है। साल 2014-15 में यह 23.7% था. साल 2035 तक इसे 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
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चंडीगढ़ में जीईआर सबसे ज़्यादा 64.8 प्रतिशत है।
पुडुचेरी का जीईआर 61.5 प्रतिशत है।
दिल्ली का जीईआर 49 प्रतिशत है।
असम में जीईआर 16.9 प्रतिशत है।
बिहार में जीईआर 17.1 प्रतिशत है।
झारखंड में यह 18.6 प्रतिशत है।
लक्षद्वीप में यह 1.1 प्रतिशत से भी कम है।