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Bad condition: सरकारी अस्पतालों में शोपीस बने हेल्थ एटीएम

सरकारी अस्पतालों में हेल्थ एटीएम मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं जिस तरह से सरकार ने जनपद के साथ अस्पतालों में हेल्थ एटीएम लगाए थे उसको देखकर कहा जा रहा था कि गरीब मरीजों को आराम मिलेगा

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Syed Ali Mehndi
Sunil Kumar

जिला अस्पताल

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता।

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 कुछ समय पूर्व प्रशासन ने बड़ी धूमधाम के साथ ऐलान किया था कि अब हेल्थ एटीएम जनपद की जनता के स्वास्थ्य की जांच करेंगे तमाम अधिकारियों ने बड़े लंबे चौड़े वादे किए थे लेकिन उन वादों की हवा बहुत जल्द ही निकल गई दरअसल एमजी जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं महिला अस्पताल सहित सात अस्पतालों में लगाए गए हेल्थ एटीएम से जांच नहीं हो पा रही है।

जिसके चलते मरीजों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें उम्मीद थी की नई मशीन आने से गरीब लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

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68 तरह की हो सकती है जांच 

हेल्थ एटीएम से खून की लगभग 68 जांच की जा सकती है इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी 20 से ज्यादा जांच हो सकती हैं खून की जांच के लिए हेल्थ एटीएम में स्ट्रिप और कुछ अन्य उपकरण प्रयोग होते हैं जो अस्पताल में केवल एक बार के बाद दोबारा नहीं आए।

सीएसआर फंड से लगाई गई मशीन 

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निजी कंपनियों के कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व फंड से जिले में 7 अस्पतालों में हेल्थ एटीएम लगाए गए थे लेकिन केवल दो सप्ताह ही संचालित हो सके। इसके बाद यह सिर्फ खिलौने की तरह खड़े दिखाई दे रहे हैं।

 स्टाफ को दिया जाएगा प्रशिक्षण

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इस संबंध में एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि हेल्थ एटीएम को ब्लड बैंक में लगाया गया है मशीन से जांच करने वाली महिला स्टाफ प्रेगनेंसी अवकाश पर है जल्दी दूसरे स्टाफ को प्रशिक्षण देकर जान शुरू कराई जाएगी।

गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था रामभरोंसे है ऐसे में कुछ लेटेस्ट मशीन शासन ने भेजी हैं लेकिन उनका प्रयोग सही तरीके से नहीं हो रहा है जिसके चलते जैन एक और लाखों रुपए की मशीन है मात्र दिखावटी खिलौना बन गई है वहीं दूसरी ओर मरीजों को भी बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 

 

 

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