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Court : 21 साल पुराने हत्याकांड में पूर्व पार्षद मनीष पंडित सहित दो को उम्रकैद

थाना सिहानी गेट क्षेत्र में 21 वर्ष पहले हुई एक सनसनीखेज हत्या के मामले में आखिरकार न्याय हुआ। अपर सत्र न्यायालय ने सोमवार को अपने फैसले में पूर्व पार्षद मनीष पंडित उर्फ पप्पू और उसके साथी मनोज फौजी को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला

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Syed Ali Mehndi
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फाइल फोटो

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

थाना सिहानी गेट क्षेत्र में 21 वर्ष पहले हुई एक सनसनीखेज हत्या के मामले में आखिरकार न्याय हुआ। अपर सत्र न्यायालय ने सोमवार को अपने फैसले में पूर्व पार्षद मनीष पंडित उर्फ पप्पू और उसके साथी मनोज फौजी को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव विजयपाल यादव के भाई नरेश यादव की हत्या के मामले में आया है, जिसकी सुनवाई लंबे समय से विचाराधीन थी।

 21 वर्ष पूर्व हत्याकांड

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता नवीन त्यागी ने बताया कि यह घटना 14 नवंबर 2004 की है, जब नरेश यादव और उनका भतीजा जितेंद्र यादव रामनगर स्थित अपने ऑफिस पर बैठे थे। उसी दौरान कुछ अज्ञात हमलावर वहां पहुंचे और दोनों पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। इस हमले में नरेश यादव गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई, जबकि जितेंद्र यादव घायल अवस्था में बच गए। घटना के बाद मृतक के भाई विजयपाल यादव ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और धीरे-धीरे मामले की गुत्थी सुलझ गई। जांच में पूर्व पार्षद मनीष पंडित उर्फ पप्पू और उसके साथी मनोज फौजी का नाम सामने आया। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

दो दशक बाद आया फैसला

बीते दो दशकों से यह मामला अदालत में विचाराधीन था। कई गवाहों के बयान, सबूतों और घटनाक्रमों की बारीकी से पड़ताल के बाद अपर सत्र न्यायालय नंबर-12 (जुनैद मुजफ्फर की अदालत) ने शनिवार को अंतिम सुनवाई पूरी की। अदालत ने पाया कि दोनों अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।न्यायालय ने दोनों आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फैसले के बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।यह फैसला न केवल एक 21 वर्ष पुराने मामले का पटाक्षेप करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भले ही न्याय में देरी हो, लेकिन अपराधियों को सजा अवश्य मिलती है। मृतक के परिजनों ने अदालत के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि वर्षों की प्रतीक्षा के बाद उन्हें न्याय मिला है।

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