गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद के क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत एक महिला शिक्षिका के साथ उनके सहकर्मी द्वारा 18 लाख रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी, जिसका नाम यश शर्मा बताया जा रहा है, ने महिला को अपने विश्वास में लेकर धोखाधड़ी की और अब फरार है। पीड़िता के पति की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कैसे शुरू हुई ठगी की कहानी?
पीड़िता प्रीति शर्मा, राज नगर एक्सटेंशन की निवासी हैं और क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरियन के रूप में कार्यरत हैं। उनके पति मोहित शर्मा ने बताया कि यश शर्मा ने प्रीति को अपनी गंभीर बीमारी का हवाला देकर भावनात्मक रूप से अपने जाल में फंसाया। उसने इलाज के लिए पैसे की जरूरत बताकर प्रीति से कई बार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवाए। पहली ट्रांजेक्शन 23 सितंबर 2024 को हुई, जिसके बाद यह सिलसिला महीनों तक चलता रहा।
फर्जी ऐप और दस्तावेजों का खेल
यश शर्मा ने प्रीति के फोन में एक फर्जी ऐप इंस्टॉल करवाया, जिसके जरिए वह कथित डॉक्टरों, वकीलों और अन्य लोगों से बात करवाता था। इसके अलावा, उसने फर्जी मेडिकल दस्तावेज दिखाकर प्रीति का भरोसा जीता और इन दस्तावेजों के भुगतान के नाम पर लाखों रुपये अपने विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए। यश ने प्रीति को धमकी भी दी कि अगर उन्होंने इस बारे में किसी को बताया, तो वह आत्महत्या कर लेगा और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराएगा।
संचार का तरीका भी सुनियोजित
पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, यश शर्मा ने सारी बातचीत व्हाट्सएप, वीडियो कॉल, वॉयस कॉल और उसी फर्जी ऐप के जरिए की, जिसे उसने प्रीति के फोन में इंस्टॉल किया था। उसने सुनिश्चित किया कि कोई भी बातचीत सामान्य SMS या अन्य माध्यमों से न हो, ताकि उसकी गतिविधियों का आसानी से पता न लगाया जा सके।
परिवार पर आर्थिक और मानसिक आघात
इस ठगी ने प्रीति और उनके परिवार को गंभीर आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक तनाव में डाल दिया है। मोहित शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी को यश की धमकियों और भावनात्मक दबाव के कारण यह बात पहले किसी से साझा करने की हिम्मत नहीं हुई। जब परिवार को इसकी पूरी जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई शुरू
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यश शर्मा की तलाश में जुट गई है और उसके बैंक खातों, ट्रांजेक्शन डिटेल्स और फर्जी ऐप की जांच कर रही है। पुलिस ने पीड़िता से सभी संबंधित सबूत, जैसे चैट हिस्ट्री, ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड और अन्य जानकारी, जमा करने को कहा है।
साइबर ठगी के प्रति सतर्कता जरूरी
यह घटना एक बार फिर साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोग अक्सर भावनात्मक दबाव या विश्वास में आकर ऐसी ठगी का शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे अनजान लोगों पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना नजदीकी थाने में दें।
आरोपी की तलाश जारी
पुलिस ने यश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और साइबर अपराध से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। जांच के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या यश ने अन्य लोगों के साथ भी ऐसी ठगी की है। फिलहाल , वह फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
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