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Ghaziabad- चौपला चौक हनुमान मंदिर का इतिहास, मान्यता और अनूठापन

हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव का प्रतीक है, जिन्हें भक्ति, शक्ति और समर्पण का जीवंत अवतार माना जाता है।

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Kapil Mehra
फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव का प्रतीक है, जिन्हें भक्ति, शक्ति और समर्पण का जीवंत अवतार माना जाता है। लेकिन इस बार हम बात करेंगे गाजियाबाद के पुराने शहर में चौपला चौक पर स्थित हनुमान मंदिर की, जो न केवल आध्यात्मिक शांति का केंद्र है, बल्कि एक ऐसी कहानी का गवाह है, जो इतिहास, संस्कृति और आस्था का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है। आइए, इस मंदिर के इतिहास, मान्यताओं और हनुमान जयंती पर होने वाले विशेष आयोजनों को एक नए नजरिए से जानें।

हनुमान जयंती का महत्व: क्यों है यह दिन खास?

हनुमान जयंती वह अवसर है जब भक्त अपने आराध्य हनुमान जी की भक्ति में डूबकर उनके बल, बुद्धि और भक्ति के गुणों को आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी कलयुग में भी जीवित हैं और अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा, हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड और भंडारे आयोजित किए जाते हैं। गाजियाबाद का चौपला चौक हनुमान मंदिर इस अवसर पर एक उत्सव स्थल में बदल जाता है, जहां भक्तों का हुजूम उमड़ता है और आस्था का रंग हर ओर बिखरता है।

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लेकिन क्या है इस मंदिर की खासियत? क्यों यह मंदिर गाजियाबाद के लोगों के दिलों में इतना खास है? 

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

चौपला चौक हनुमान मंदिर: एक ऐतिहासिक झलक

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गाजियाबाद का चौपला चौक, पुराने शहर का दिल है, जहां भीड़भाड़ और बाजार की चहल-पहल के बीच यह हनुमान मंदिर एक शांतिपूर्ण आश्रय स्थल की तरह खड़ा है। स्थानीय मान्यताओं और कुछ ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, यह मंदिर करीब 126 साल पुराना है और इसे गाजियाबाद के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। 

कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना एक स्थानीय व्यापारी ने की थी, जिन्हें हनुमान जी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उस समय गाजियाबाद एक छोटा-सा कस्बा हुआ करता था, और यह मंदिर उस दौर में व्यापारियों और यात्रियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया। मंदिर का स्थान दिल्ली गेट के नजदीक होने के कारण यह आसानी से सुलभ था, जिसने इसे और भी लोकप्रिय बना दिया। 

मंदिर की वास्तुकला सादगी भरी है, लेकिन इसकी दीवारों में बसी आस्था इसे भव्य बनाती है। हनुमान जी की मूर्ति, जिसे स्वयंभू माना जाता है, भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मूर्ति के सामने जलता हुआ अखंड दीप और मंदिर का स्वच्छ, शांत वातावरण हर किसी को सुकून देता है। 

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

मान्यताएं: हनुमान जी की कृपा का चमत्कार

चौपला चौक के हनुमान मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं पीढ़ियों से चली आ रही हैं। कुछ प्रमुख मान्यताएं इस प्रकार हैं:

संकटमोचन की शक्ति:

भक्तों का विश्वास है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। चाहे वह आर्थिक तंगी हो, स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो या कोई अन्य संकट, हनुमान जी अपने भक्तों को हर मुश्किल से उबारते हैं। 

हनुमान चालीसा का चमत्कार:

स्थानीय लोग बताते हैं कि इस मंदिर में हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करने से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। कई भक्तों ने अपने अनुभव साझा किए हैं कि मंदिर में की गई पूजा के बाद उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आए। 

मंगलवार और शनिवार की विशेषता:

हालांकि हनुमान जयंती इस मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को भी यहां विशेष पूजा होती है। मान्यता है कि इन दिनों हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाने से ग्रह-नक्षत्रों के दोष दूर होते हैं। 

छप्पन भोग की परंपरा:

हनुमान जयंती पर मंदिर में छप्पन भोग का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित होता है। यह परंपरा मंदिर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। 

हनुमान जयंती पर क्या है हटकर?

चौपला चौक का हनुमान मंदिर हनुमान जयंती पर एक अलग ही रंग में रंगा होता है। इस दिन मंदिर को फूलों, रंगोली और रोशनी से सजाया जाता है। सुबह से ही मंदिर में भक्तों की कतार लग जाती है। कुछ खास आयोजन जो इस मंदिर को अनूठा बनाते हैं:

अखंड रामायण पाठ: मंदिर में 24 घंटे तक अखंड रामायण का पाठ होता है, जिसमें भक्त हिस्सा लेते हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि सामुदायिक एकता को भी बढ़ावा देता है।

सांस्कृतिक झांकियां:

हनुमान जयंती पर मंदिर के आसपास हनुमान जी की लीलाओं पर आधारित झांकियां निकाली जाती हैं। ये झांकियां बच्चों और युवाओं के बीच खासा आकर्षण का केंद्र होती हैं। 

भजन संध्या:

शाम को मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय कलाकार हनुमान जी की भक्ति में डूबे भजनों की प्रस्तुति देते हैं। यह माहौल इतना भक्तिमय होता है कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। 

भंडारा और लंगर:

मंदिर समिति की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें हजारों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह परंपरा सामाजिक समरसता का प्रतीक है।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

क्या बनाता है इस मंदिर को अनोखा?

चौपला चौक का हनुमान मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि गाजियाबाद की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का हिस्सा है। बाजार की भागदौड़ के बीच यह मंदिर एक ऐसी जगह है, जहां लोग अपने मन की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा की तलाश में आते हैं। मंदिर की सादगी, स्वच्छता और भक्तों के प्रति पुजारियों का सौम्य व्यवहार इसे और भी खास बनाता है।

हनुमान जयंती पर इस मंदिर का उत्सव न केवल धार्मिक, बल्कि सामुदायिक एकता का भी प्रतीक है। यहां हर वर्ग, हर उम्र के लोग एक साथ आकर भक्ति का आनंद लेते हैं। मंदिर का इतिहास, इसकी मान्यताएं और हनुमान जयंती का उत्साह इसे गाजियाबाद के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थलों में से एक बनाता है।

निष्कर्ष

इस हनुमान जयंती, अगर आप गाजियाबाद में हैं, तो चौपला चौक के हनुमान मंदिर जरूर जाएं। यहां की शांति, भक्ति और उत्सव का माहौल आपको एक अलग ही अनुभव देगा। हनुमान जी की कृपा से न केवल आपके संकट दूर होंगे, बल्कि आप जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा भी प्राप्त करेंगे। 

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