गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में साइबर ठगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। साइबर ठग हर दिन नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। ताजा मामला राजनगर का है, जहां निवासी मुनीश कौशिक साइबर ठगों का शिकार बन गए। एक फर्जी मैसेज के झांसे में आकर उन्होंने मात्र 25 रुपये ट्रांसफर किए, जिसके बाद ठगों ने उनके क्रेडिट कार्ड से 1,82,974 रुपये उड़ा लिए। पीड़ित ने कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
कैसे हुआ ठगी का खेल?
एसीपी कविनगर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि सितंबर 2024 में मुनीश कौशिक के मोबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा था कि उनके किसी पत्र पर सही पता दर्ज नहीं है, और उन्हें दिए गए लिंक पर सही जानकारी भरकर 25 रुपये सर्विस चार्ज के रूप में ट्रांसफर करने होंगे।
मैसेज की सत्यता पर बिना जांच किए मुनीश ने लिंक पर क्लिक कर अपना नाम, पता और बैंक डिटेल्स दर्ज कर दिए। साथ ही, दिए गए नंबर पर 25 रुपये भी ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद साइबर ठगों ने मुनीश के क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग करते हुए उनके बैंक से 1,82,974 रुपये का लोन लेकर अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। जब मुनीश के मोबाइल पर खाते से पैसे निकलने का मैसेज आया, तब उन्हें ठगी का पता चला।
हैरानी की बात यह है कि बैंक ने इस लोन की रकम जमा करने के लिए मुनीश को नोटिस भी भेज दिया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
पुलिस की कार्रवाई
मुनीश कौशिक की शिकायत पर कविनगर थाने में सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी (कंप्यूटर संसाधनों के जरिए धनराशि ट्रांसफर करने) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस साइबर सेल की मदद से ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। एसीपी ने बताया कि लिंक और ट्रांसफर किए गए नंबर की जांच की जा रही है ताकि आरोपियों का पता लगाया जा सके।
साइबर ठगी से बचाव के लिए सावधानी जरूरी
यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते खतरे की ओर इशारा करती है। ठग अब छोटी-छोटी रकम या सर्विस चार्ज के नाम पर लोगों को लुभाकर उनकी संवेदनशील जानकारी हासिल कर रहे हैं। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनजान मैसेज या लिंक पर भरोसा न करें। कुछ सावधानियां जो आपको सुरक्षित रख सकती हैं।
अनजान लिंक पर क्लिक न करें:
कोई भी मैसेज जिसमें लिंक के जरिए जानकारी मांगी जाए, उसकी सत्यता जांचें।
बैंक डिटेल्स साझा न करें:
क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ओटीपी या बैंक खाते की जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
संदिग्ध मैसेज की शिकायत करें:
ऐसे मैसेज मिलने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत दर्ज करें।
सुरक्षित ऐप्स का उपयोग:
बैंकिंग या पेमेंट के लिए हमेशा आधिकारिक ऐप्स या वेबसाइट का इस्तेमाल करें।
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