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Ghaziabad Crime -मेडिकल स्टोर का काला सच: दवा के बहाने नशे का इंजेक्शन, युवती से दुष्कर्म

पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने पीड़िता और उसके परिवार को कुछ हद तक राहत दी है, लेकिन असली न्याय तब होगा, जब आरोपी को कड़ी सजा मिलेगी। यह मामला समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने आसपास के कितने स्थानों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं।

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Kapil Mehra
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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गाजियाबाद के मुरादनगर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने मेडिकल स्टोर जैसे भरोसेमंद स्थान को भी सवालों के घेरे में ला दिया। जलालपुर रोड पर एक मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गई एक युवती को नशे का इंजेक्शन लगाकर दुष्कर्म का शिकार बनाया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी स्टोर संचालक को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा और विश्वास की नींव को हिला देने वाली है।

क्या है पूरा मामला?

मुरादनगर की एक कॉलोनी में रहने वाली युवती 28 अप्रैल 2025 को जलालपुर रोड स्थित एक मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गई थी। दवा उपलब्ध न होने पर स्टोर संचालक रिंकू, पुत्र आनंद, निवासी बसंतपुर सैंथली, ने युवती से उसका मोबाइल नंबर मांगा और वादा किया कि दवा आने पर सूचना देगा।

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11 मई को रिंकू ने युवती को फोन कर दवा आने की बात कही।युवती विश्वास के साथ स्टोर पर पहुंची। आरोप है कि रिंकू ने युवती को कमजोरी का हवाला देकर एक इंजेक्शन लगाने की बात कही। भोली-भाली युवती ने उस पर भरोसा किया, लेकिन यह उसकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई। रिंकू ने उसे नशे का इंजेक्शन लगाया, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसने युवती के साथ दुष्कर्म की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस ने दिखाई तत्परता

युवती के होश में आने के बाद उसने परिजनों को आपबीती सुनाई, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। एसीपी मुरादनगर ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की गई। रिंकू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम की सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या रिंकू ने पहले भी इस तरह की वारदात को अंजाम दिया है।

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मेडिकल स्टोर या अपराध का अड्डा?

यह घटना न केवल एक अपराध की कहानी है, बल्कि यह उस विश्वास के साथ खिलवाड़ है, जो लोग मेडिकल स्टोर जैसे स्थानों पर रखते हैं। दवा और इलाज के नाम पर ऐसा घिनौना कृत्य न सिर्फ पीड़िता के जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में डर और अविश्वास की भावना को भी जन्म देता है। सवाल यह है कि क्या मेडिकल स्टोर संचालकों की जवाबदेही तय करने के लिए कोई सख्त नियम हैं? क्या ऐसी दुकानों पर निगरानी की कोई व्यवस्था है?

महिलाओं की सुरक्षा पर फिर सवाल

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मुरादनगर की यह घटना महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चेतावनी है। दिन-प्रतिदिन के कामों में भी महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं, यह इस मामले से साफ हो जाता है। स्थानीय निवासियों में इस घटना को लेकर गुस्सा है और वे कठोर सजा की मांग कर रहे हैं। साथ ही, लोग प्रशासन से मेडिकल स्टोरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सख्त निगरानी की मांग कर रहे हैं।

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