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Ghaziabad News-फिर गरमाया विवाद: पिंकी चौधरी और हिंदू रक्षा दल का औरंगजेब चित्र पर कालिख पोतने का कांड

इस घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है और जल्द ही पिंकी और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

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Kapil Mehra
फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

हिंदू रक्षा दल के सदस्य फिर हुए एक्टिव

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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गाजियाबाद एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी और उनकी टीम का ताजा कारनामा। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर औरंगजेब के एक चित्र पर कालिख पोतने की घटना ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने इस विवाद को और हवा दे दी।

पिंकी चौधरी ने इस वीडियो में भड़काऊ बयान देते हुए कहा, “भारत देश में औरंगजेब जैसे आक्रांता की कब्र और पेंटिंग क्या कर रही हैं?” इस घटना ने एक बार फिर पिंकी चौधरी और उनके संगठन को चर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया है। 

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

अजय मिश्र के जाते ही बदला माहौल

पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र के तबादले के बाद गाजियाबाद में हिंदू रक्षा दल की गतिविधियाँ अचानक तेज हो गई हैं। मिश्र के कार्यकाल में पिंकी चौधरी और उनके संगठन पर कड़ी निगरानी रखी गई थी, खासकर 2024 में गुलधर रेलवे स्टेशन के पास झुग्गी-झोपड़ियों पर हमले के बाद, जिसमें पिंकी ने स्थानीय लोगों को बांग्लादेशी घुसपैठिए बताकर उन पर लाठी-डंडों से हमला किया था। इस मामले में पिंकी को कई महीने जेल में बिताने पड़े थे, और पुलिस ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी थी।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

लेकिन अजय मिश्र के जाने के बाद हिंदू रक्षा दल ने फिर से अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। सूत्रों की मानें तो पिंकी और उनकी टीम ने इसे एक मौके के रूप में देखा और गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर औरंगजेब के चित्र पर कालिख पोतकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया। 

औरंगजेब के चित्र पर कालिख: क्या है पूरा मामला?

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गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर हाल ही में एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी आयोजित की गई थी, जिसमें मुगलकालीन इतिहास से जुड़े कुछ चित्र प्रदर्शित किए गए थे। इनमें औरंगजेब का एक चित्र भी शामिल था। हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने इस चित्र को “हिंदू विरोधी” करार देते हुए उस पर कालिख पोत दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें पिंकी चौधरी के समर्थक नारे लगाते और कालिख पोतते नजर आए।

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पिंकी ने इस घटना के बाद एक और वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने हिंदुओं पर अत्याचार किए, उनके मंदिर तोड़े। ऐसे लोगों की तस्वीरें भारत की धरती पर शोभा नहीं देतीं। हम हिंदू रक्षा दल के सिपाही हैं, और हिंदुत्व की रक्षा के लिए हर कदम उठाएँगे। इस बयान ने न केवल इतिहास प्रेमियों और स्थानीय प्रशासन को नाराज किया, बल्कि सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की आशंका भी पैदा कर दी। 

पिंकी चौधरी का विवादित इतिहास

पिंकी चौधरी का नाम गाजियाबाद में विवादों का पर्याय बन चुका है। 2013 में हिंदू रक्षा दल की स्थापना करने वाले पिंकी पहले भी कई बार कानून के शिकंजे में आ चुके हैं।

कुछ प्रमुख घटनाएँ: 

2024 में झुग्गी-झोपड़ी कांड

पिंकी और उनके समर्थकों ने गुलधर रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बांग्लादेशी घुसपैठिए बताकर उन पर हमला किया था। बाद में पुलिस की जाँच में पता चला कि पीड़ित यूपी के शाहजहांपुर के निवासी थे। इस मामले में पिंकी को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। 

2021 में जंतर-मंतर विवाद

पिंकी ने जंतर-मंतर पर एक रैली के दौरान सांप्रदायिक नारेबाजी और भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। 

2020 में जेएनयू हिंसा

पिंकी ने जेएनयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया था कि यह उनके संगठन का काम था। 

अन्य विवाद

पिंकी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय पर हमले, हथियार लहराने, और आपत्तिजनक टिप्पणियों के कई मामले दर्ज हैं। पिंकी की हिस्ट्रीशीट साहिबाबाद थाने में खुली हुई है, और उन पर गैंगस्टर एक्ट सहित 16 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 

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पुलिस और प्रशासन की चुप्पी

इस घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है और जल्द ही पिंकी और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पिछले अनुभवों को देखते हुए, पुलिस इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) जैसी सख्त धाराओं का इस्तेमाल कर सकती है। 

निष्कर्ष: गाजियाबाद में बढ़ता तनाव

पिंकी चौधरी का यह ताजा कांड गाजियाबाद में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा सकता है। एक तरफ उनके समर्थक उन्हें “हिंदू रक्षक” के रूप में देखते हैं, वहीं दूसरी तरफ समाज का बड़ा वर्ग उनके कृत्यों को शांति भंग करने वाला मानता है। ऐसे में जरूरत है कि प्रशासन इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करे, ताकि शहर का सामाजिक सौहार्द बरकरार रहे।

क्या पिंकी चौधरी का यह कदम गाजियाबाद को एक नए विवाद की आग में झोंक देगा, या यह महज एक और वायरल वीडियो बनकर रह जाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा। 

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