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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का इतिहास लंबा रहा है, और हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित हमले ने इस तनाव को और गहरा दिया है। इस हमले का भारतीय सेना ने शूरवीरता के साथ जवाब दिया, जिसके लिए हम भारतीय सेना और भारत सरकार के कड़े कदमों को सलाम करते हैं। भारत सरकार ने नागरिकों को सतर्क और सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
क्योंकि युद्ध की आशंका बढ़ रही है। ऐसे संकट के समय में, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और इसके सहयोगी संगठन, डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया जी के मार्गदर्शन में, "भारत ही महान" अभियान के तहत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सेवा के लिए एक चार सूत्रीय अभियान चला रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित निवास, भोजन, मेडिकल सेवाएं और प्रशिक्षण प्रदान करना है।
पहलगाम हमले और भारत का जवाब
हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए जिहादी हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को उजागर किया। इस हमले का भारतीय वायुसेना ने त्वरित और प्रभावी ढंग से जवाब दिया, जिससे देश का गौरव बढ़ा। भारत सरकार ने भी इस घटना के बाद कड़े कदम उठाए, जिसके लिए हम सरकार को सैल्यूट करते हैं। लेकिन, युद्ध की आशंका के बीच नागरिकों की सुरक्षा और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना अब सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
"भारत ही महान" अभियान: चार सूत्रीय रणनीति
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और सहयोगी संगठन इस संकट की घड़ी में भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। "भारत ही महान" अभियान के तहत निम्नलिखित चार सूत्रीय रणनीति लागू की जा रही है।
एक लाख रक्तदाता
(Blood Donors Club)युद्ध के समय सैनिकों और नागरिकों को रक्त की आवश्यकता सबसे अधिक होती है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए परिषद ने एक लाख रक्तदाताओं का गठित किया है। यह क्लब सुनिश्चित करेगा कि घायल सैनिकों और नागरिकों को समय पर रक्त उपलब्ध हो। इस पहल से न केवल जीवन रक्षा होगी, बल्कि देशभक्ति की भावना भी मजबूत होगी।
मेडिकल सेवाएं
10,000 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर और हजारों अस्पतालयुद्ध के दौरान घायल और बीमार नागरिकों की देखभाल के लिए परिषद ने इंडिया हेल्पलाइन के माध्यम से एक व्यापक मेडिकल सेवा प्रणाली स्थापित की है। इस प्रणाली में:10,000 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर निशुल्क सेवा प्रदान करेंगे।हजारों अस्पतालों का प्रबंध किया जाएगा ताकि घायलों को तुरंत उपचार मिल सके। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करेगी कि युद्ध की स्थिति में कोई भी नागरिक चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे।
नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) प्रशिक्षण अभियान
नागरिकों को युद्ध की स्थिति में आत्मरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन के लिए तैयार करने के लिए परिषद ने एक व्यापक प्रशिक्षण अभियान शुरू किया है। यह प्रशिक्षण तीन माध्यमों से प्रदान किया जाएगा
नागरिक सुरक्षित निवास
युद्ध की स्थिति में हवाई हमलों से बचाव के लिए शहरों के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना आवश्यक है।
इसके लिए परिषद ने निम्नलिखित व्यवस्थाएं की हैं:
गांवों में निवास व्यवस्था:
शहरों से 50 किलोमीटर दूर के हजारों गांवों में नागरिकों के लिए रहने की व्यवस्था की जा रही है।युवक और महिला परिषद: गांवों में व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए युवक परिषद और महिला परिषद का गठन किया गया है।रहने की सुविधा: शहर से आए नागरिकों को गांवों के स्कूलों, मंदिरों और स्थानीय लोगों के घरों में ठहराया जाएगा।सामूहिक भोजन: गांवों में सामुदायिक रसोई स्थापित की जाएगी ताकि सभी को भोजन उपलब्ध हो।मेडिकल सुविधाएं: गांवों या नजदीकी क्षेत्रों में मेडिकल शिविर और उपचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
डॉ. प्रवीण तोगड़िया का मार्गदर्शन
इस पूरे अभियान को अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रखर नेता डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया जी के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। उनके नेतृत्व में परिषद ने "सुरक्षित हिंदू, सुरक्षित भारत" के संकल्प को साकार करने के लिए कदम उठाए हैं। डॉ. तोगड़िया जी का मानना है कि युद्ध के समय नागरिकों की सुरक्षा और उनकी बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखना राष्ट्रीय एकता और शक्ति का प्रतीक है।
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