गाजियाबाद , वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में बढ़ती गर्मी ने जहां एक ओर लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, वहीं विद्युत विभाग की लापरवाही और अघोषित बिजली कटौती ने उपभोक्ताओं की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। रविवार को शहर के कई इलाकों में पूरे दिन घोषित पावर कट रहा, जिससे घरेलू कामकाज से लेकर व्यापार तक बुरी तरह प्रभावित हुए। इसके साथ ही, बिजली का लोड बढ़ने के कारण कई जगह ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं भी सामने आईं, जिसने विद्युत विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रविवार को पूरे दिन बिजली कटौतीर
विवार, 27 अप्रैल 2025 को गाजियाबाद के कई हिस्सों में सुबह से लेकर देर शाम तक बिजली आपूर्ति ठप रही। विद्युत विभाग ने इसे "प्री-समर मेंटेनेंस" का हिस्सा बताया, लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि ऐसी कटौती की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। वैशाली, कौशांबी, राजनगर, लोनी, और ट्रांस हिंडन जैसे इलाकों में 8 से 10 घंटे तक बिजली गायब रही।
एक स्थानीय निवासी ने शिकायत की, "गर्मी में पंखा और कूलर तक नहीं चले। बिजली विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर भी कोई जवाब नहीं मिला।"इस कटौती का असर बच्चों की पढ़ाई, ऑनलाइन काम करने वाले पेशेवरों, और छोटे-मोटे व्यवसायों पर पड़ा। दुकानदारों का कहना था कि बिजली के बिना उनके कारोबार को भारी नुकसान हुआ। गाजियाबाद के लालबाग इलाके में तो 10 घंटे से अधिक समय तक बिजली आपूर्ति बंद रही, जिससे स्थानीय लोगों में भारी रोष देखा गया।
ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं
बढ़ती गर्मी के साथ बिजली की मांग में इजाफा हुआ है, जिसका सीधा असर शहर के पुराने और जर्जर बिजली ढांचे पर पड़ रहा है। रविवार को शहर के अलग-अलग हिस्सों में कई ट्रांसफार्मर जलने की खबरें सामने आईं। राजनगर एक्सटेंशन और कड़कड़ मॉडल जैसे इलाकों में ट्रांसफार्मरों में आग लगने से बिजली आपूर्ति घंटों बाधित रही।
एक समान घटना चंदौली में भी हाल ही में हुई, जहां लोड बढ़ने से तीन ट्रांसफार्मर जल गए, जिसके चलते हजारों घरों की बिजली 12 घंटे तक गुल रही।विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी में एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों के बढ़ते उपयोग से ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ जाता है, जिससे वे फेल हो जाते हैं।
लेकिन सवाल यह है कि क्या विभाग ने गर्मी से पहले इसकी तैयारी नहीं की? गाजियाबाद में पहले से ही जर्जर तारों और पुराने ट्रांसफार्मरों की समस्या जगजाहिर है, फिर भी इनके रखरखाव और उन्नयन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
विद्युत विभाग की लापरवाही
गाजियाबाद विद्युत निगम ने पिछले साल सितंबर में दावा किया था कि 2024-25 के बिजनेस प्लान के तहत शहर में बिजली आपूर्ति सुधारने के लिए 40 से ज्यादा इलाकों में जर्जर तार बदले जाएंगे और 100 से अधिक ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है।
उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिजली कटौती और ट्रांसफार्मर फेल होने की घटनाएं आए दिन हो रही हैं, और विभाग केवल "जाँच" और "मेंटेनेंस" का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ रहा है।मुख्य अभियंता अशोक सुंदरम ने हाल ही में कहा था कि 15-20 दिनों में जर्जर लाइनों को बदलने और ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का काम शुरू हो जाएगा।
लेकिन गर्मी शुरू होते ही बिजली संकट गहराने से यह साफ हो गया है कि विभाग की तैयारियाँ नाकाफी हैं। लोनी बॉर्डर के तिलकराम कॉलोनी में एक उपभोक्ता ने सोशल मीडिया पर शिकायत की, "आए दिन बिजली कटौती हो रही है। अभी तो गर्मी शुरू हुई है, आगे क्या होगा?"
उपभोक्ताओं की परेशानी
गर्मी के इस मौसम में बिजली कटौती ने लोगों का सब्र तोड़ दिया है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों, और मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। गाजियाबाद के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति भी बिजली पर निर्भर है, जिसके चलते बिजली कटौती ने पानी की किल्लत को और बढ़ा दिया।
वैशाली सेक्टर-6 में सुबह साढ़े सात बजे से बिजली नहीं है। इससे पानी की भी दिक्कत हो रही है।बिजली विभाग के हेल्पलाइन नंबरों पर कोई जवाब नहीं मिलने से उपभोक्ताओं का गुस्सा और बढ़ रहा है। कई लोग सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं, लेकिन वहाँ भी उन्हें सिर्फ रटा-रटाया जवाब मिल रहा है।
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