गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
बीती रात से तेज तूफान और भारी बारिश ने गाजियाबाद, वैशाली, लोनी और आसपास के इलाकों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। इस प्राकृतिक आपदा ने उत्तर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था की कमजोरियों को एक बार फिर उजागर कर दिया। कई इलाकों में पिछले 12 घंटों से अधिक समय से बिजली आपूर्ति ठप है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली कटौती से जनजीवन अस्त-व्यस्त
तेज हवाओं और बारिश के कारण बिजली के तार टूटने और ट्रांसफार्मर खराब होने की घटनाएं सामने आई हैं। सुरक्षा के लिहाज से विद्युत विभाग ने कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति रोक दी थी, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। वैशाली के सेक्टर-3 निवासी राकेश शर्मा ने बताया, रात से बिजली नहीं है। गर्मी और उमस के कारण बच्चे और बुजुर्ग परेशान हैं। बिजली विभाग का कोई जवाब नहीं मिल रहा।
छोटे बच्चों और बुजुर्गों की बढ़ी मुश्किलें
तापमान और उमस के उच्च स्तर ने बिजली कटौती की समस्या को और गंभीर बना दिया है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। लोनी की रहने वाली शबाना खान ने कहा, मेरे दो छोटे बच्चे हैं, जो गर्मी से बेचैन हो रहे हैं। बिना पंखे और कूलर के रात गुजारना मुश्किल हो गया। कई परिवारों ने जेनरेटर या इनवर्टर का सहारा लिया, लेकिन लंबे समय तक बिजली न आने से ये उपाय भी नाकाफी साबित हुए।
विद्युत व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
उत्तर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, और इस बार की घटना ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बिजली विभाग की ओर से समय पर रखरखाव और मरम्मत का काम नहीं किया जाता, जिसके कारण ऐसी आपदाओं में व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाती है। गाजियाबाद के एक सामाजिक कार्यकर्ता अनिल चौधरी ने कहा, हर साल बारिश और तूफान के समय यही हाल होता है। बिजली विभाग की लापरवाही और ढांचागत कमियों का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
विभाग का पक्ष
बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तेज तूफान के कारण कई जगह पेड़ गिरने और तार टूटने की वजह से आपूर्ति बाधित हुई है। "हमारी टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में नुकसान ज्यादा होने के कारण समय लग रहा है," उन्होंने कहा। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग की प्रतिक्रिया धीमी है और शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हो रही।
क्या है समाधान?
इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की तैयारियों और बुनियादी ढांचे की मजबूती पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली के तारों को भूमिगत करने, नियमित रखरखाव और आपातकालीन स्थिति के लिए बेहतर प्रबंधन से ऐसी समस्याओं को कम किया जा सकता है। साथ ही, जनता को समय पर सूचना देने और शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने की भी जरूरत है।
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