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गंदा नाला क्षेत्र में लगने वाले अवैध बाजार से स्थानीय निवासी परेशान
साप्ताहिक बाजार की अराजकता
गाजियाबाद के कोतवाली क्षेत्र में गंदा नाला के साप्ताहिक बाजार ने अब स्थानीय निवासियों और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहले यह बाजार निर्धारित जगह पर लगता था, लेकिन अब पटरी वाले बाजार का दायरा बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि दुकानदार अब स्थानीय लोगों के घरों के बाहर और गलियों में भी अपनी दुकानें सजा रहे हैं। इससे न सिर्फ आवागमन में दिक्कत हो रही है, बल्कि क्षेत्र में अराजकता का माहौल बन गया है।
निवासियों और व्यापारियों का विरोध
गंदा नाला क्षेत्र के निवासियों और स्थानीय व्यापारियों ने इस अनियंत्रित बाजार का जमकर विरोध किया। उनका कहना है कि बाजार के कारण गलियां जाम हो रही हैं, घरों के बाहर गंदगी फैल रही है, और रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। विरोध की अगुवाई पूर्व पार्षद प्रत्याशी अरुण मित्तल व चौपला दिल्ली गेट व्यापार मंडल अध्यक्ष विनय सिंघल ने की, जिन्होंने व्यापारियों और निवासियों को एकजुट कर गलियों में लगने वाले अवैध बाजार को हटवाने की मांग की। अरुण मित्तल ने कहा, "यह बाजार अब हमारे घरों की चौखट तक पहुंच गया है। न तो हम अपने घरों से निकल पा रहे हैं, न ही हमारे बच्चे सुरक्षित हैं।
पुलिस का हस्तक्षेप
विरोध बढ़ता देख पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और कुछ जगहों से अवैध रूप से लगी दुकानों को हटवाया। हालांकि, निवासियों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है, और पुलिस की कार्रवाई सिर्फ तात्कालिक राहत देती है। जैसे ही पुलिस हटती है, दुकानदार फिर से गलियों में दुकानें लगाने लगते हैं।
महापौर से संपर्क की नाकाम कोशिश
निवासियों ने इस मुद्दे को लेकर गाजियाबाद की महापौर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन न उठने से लोग निराश हुए। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नगर निगम और प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं देगा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
वार्ड पार्षद का समर्थन
विरोध प्रदर्शन के दौरान वार्ड 12 के पार्षद राहुल मौके पर पहुंचे और निवासियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "यह बाजार अब लोगों के लिए सिरदर्द बन चुका है। अवैध रूप से दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मैं इस मुद्दे को नगर निगम में उठाऊंगा और इसका स्थायी समाधान निकालने की कोशिश करूंगा।" पार्षद के समर्थन से निवासियों का हौसला बढ़ा, लेकिन वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाएं।
अवैध उगाही का खेल
विरोध के दौरान एक और गंभीर मुद्दा सामने आया। निवासियों और व्यापारियों ने आरोप लगाया कि साप्ताहिक बाजार में अवैध उगाही का खेल चल रहा है। कुछ लोग दुकानदारों से पैसे लेकर उन्हें गलियों में दुकान लगाने की जगह दे रहे हैं। यह उगाही न सिर्फ अवैध है, बल्कि इससे बाजार की अराजकता और बढ़ रही है। निवासियों ने मांग की है कि इस उगाही के खेल की जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
समाज के सामने सवाल
गंदा नाला साप्ताहिक बाजार की यह स्थिति कई सवाल खड़े करती है। क्या बाजार को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस नियम नहीं हैं? नगर निगम और प्रशासन इस अराजकता को क्यों नहीं रोक पा रहे? और सबसे बड़ा सवाल, क्या अवैध उगाही के इस खेल में प्रशासन की मिलीभगत है? निवासियों का गुस्सा जायज है, क्योंकि यह समस्या अब उनके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित कर रही है।
आगे की राह
इस समस्या का समाधान तभी संभव है, जब प्रशासन और नगर निगम मिलकर सख्त कदम उठाएं। बाजार को निर्धारित जगह तक सीमित करना, अवैध उगाही पर रोक लगाना, और नियमित निगरानी सुनिश्चित करना जरूरी है। साथ ही, निवासियों और व्यापारियों की शिकायतों को सुनने के लिए एक स्थायी व्यवस्था बनानी होगी। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह विरोध और बढ़ सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
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