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नगर निगम वार्ड नंबर 1 के कृष्णा नगर बागू में पानी की किल्लत ने अब तूल पकड़ लिया है। सुदामापुरी की जल निगम टंकी पर बुधवार को स्थानीय लोगों ने ऐसा हंगामा मचाया कि टंकी भी शरमा गई! गुस्साए निवासियों ने नारे लगाए, पानी दो, या गाजियाबाद छोड़ दो! और नगर निगम हाय-हाय! के साथ अपना गुस्सा जाहिर किया। यह प्रदर्शन न केवल पानी की कमी के खिलाफ था, बल्कि एक ऐसी कहानी बयां करता है, जहां गाजियाबाद की जनता ने तय कर लिया है कि अब बूंद-बूंद के लिए भटकना नहीं, बल्कि हक के लिए लड़ना है!
पानी की त्राहि-त्राहि, टंकी पर हाहाकार
कृष्णा नगर बागू के लोग पिछले कई दिनों से पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। नहाने के लिए बाल्टी खाली, खाना बनाने के लिए बर्तन सूखे, और पीने के पानी के लिए पड़ोसियों के दरवाजे खटखटाने की नौबत आ गई। स्थानीय निवासी शांति देवी ने गुस्से में कहा, हम टैक्स देते हैं, वोट देते हैं, फिर पानी क्यों नहीं मिलता? क्या हमें गाजियाबाद में रहना छोड़ देना चाहिए?" एक अन्य निवासी, रवि शर्मा, ने चुटकी लेते हुए कहा, लगता है नगर निगम को लगता है कि हम कैक्टस हैं, बिना पानी के भी जिंदा रह लेंगे!
प्रदर्शनकारी सुदामापुरी की जल निगम टंकी पर इकट्ठा हुए, जहां तख्तियां, नारे, और गुस्से की गूंज ने माहौल को गरमा दिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई पानी की मांग को लेकर एकजुट था। एक प्रदर्शनकारी ने मजाक में कहा, अगर नगर निगम को पानी नहीं देना, तो कम से कम मिनरल वाटर की बोतलें ही भेज दो
शिकायतें, वादे, और टंकी का टंटा
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन हर बार "जल्दी ठीक करेंगे" का वादा ही मिला। एक युवा प्रदर्शनकारी, प्रिया, ने तंज कसते हुए कहा, नगर निगम के वादे तो मेट्रो की तरह हैं शुरुआत जोर-शोर से होती है, लेकिन पूरा होने में सालों लग जाते हैं! निवासियों ने बताया कि पानी की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई, दैनिक कामकाज, और यहां तक कि स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। गर्मी के इस मौसम में पानी की किल्लत ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
आंदोलन की चेतावनी, जनता का जोश
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने साफ कर दिया कि अगर जल्दी पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो यह आंदोलन और उग्र होगा। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तो टंकी पर ही धरना देने की योजना बनाई, जबकि अन्य ने नगर निगम कार्यालय तक मार्च निकालने की बात कही। एक बुजुर्ग निवासी, रामपाल जी, ने हल्के अंदाज में कहा, हमने आजादी की लड़ाई देखी है, अब पानी की लड़ाई भी जीत लेंगे! उनकी इस बात पर भीड़ ने तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया।
गाजियाबाद की जनता की पुकार
यह प्रदर्शन केवल पानी की मांग नहीं, बल्कि गाजियाबाद की जनता के हक और आत्मसम्मान की लड़ाई है। सुदामापुरी की टंकी पर गूंजे नारे अब शहर के हर कोने में चर्चा का विषय बन गए हैं। स्थानीय लोग कहते हैं, अगर गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी बनना है, तो पहले पानी तो दे दो! अब देखना यह है कि नगर निगम इस हंगामे को कितनी गंभीरता से लेता है, और क्या कृष्णा नगर बागू की टंकियों में जल्दी पानी की धार बहेगी। तब तक, जनता का जोश और टंकी पर तख्तियां गाजियाबाद की इस अनोखी कहानी को और रंगीन बनाए रखेंगी!
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