गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाना जाता है। नवरात्रि के पावन अवसर पर यहाँ के प्राचीन देवी मंदिर में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी नवमी के दिन विशेष आयोजन किया गया। इस दिन मंदिर परिसर में कन्या पूजन और महा भंडारे का भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
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कन्या पूजन
नवरात्रि के नौवें दिन, जिसे नवमी के नाम से जाना जाता है, माँ दुर्गा के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है, क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार छोटी कन्याएँ माँ दुर्गा का स्वरूप मानी जाती हैं। गाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर में सुबह से ही तैयारियाँ शुरू हो गई थीं। मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगी झंडियों से सजाया गया था, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं को आमंत्रित किया गया। इन कन्याओं को नए वस्त्र, मिठाई और उपहार भेंट किए गए। मंदिर के महंत ने विधि-विधान से पूजा संपन्न कराई। कन्याओं के पैर धोए गए, उन्हें तिलक लगाया गया और फिर उन्हें माँ दुर्गा के प्रसाद के रूप में हलवा-पूरी और चने का भोग लगाया गया। श्रद्धालुओं का मानना है कि कन्या पूजन से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
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महा भंडारा
कन्या पूजन के बाद मंदिर परिसर में महा भंडारे का आयोजन किया गया। इस भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। भंडारे में स्वादिष्ट व्यंजनों जैसे पूड़ी, सब्जी, चने और हलवे का वितरण किया गया। आयोजकों ने बताया कि इस भंडारे का उद्देश्य न केवल भक्तों को एक साथ लाना था, बल्कि सेवा के माध्यम से माँ दुर्गा को प्रसन्न करना भी था।
महा भंडारे में शामिल होने के लिए आसपास के विभिन्न हिस्सों से लोग आए। लंबी कतारों में खड़े होकर सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मंदिर में भक्ति संगीत और माँ दुर्गा के भजनों की मधुर धुनें गूँज रही थीं, जिसने वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना दिया।
श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह
इस आयोजन में शामिल श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। महंत श्री गिरशानंद जी ने कहा, "हर साल हम इस दिन का इंतज़ार करते हैं। कन्या पूजन और भंडारे में हिस्सा लेने से मन को शांति मिलती है और माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि इस बार पिछले वर्षों की तुलना में अधिक लोग शामिल हुए, जो इस आयोजन की लोकप्रियता को दर्शाता है।
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निष्कर्ष
गाजियाबाद के प्राचीन देवी मंदिर में नवमी के दिन आयोजित कन्या पूजन और महा भंडारा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सेवा भावना का भी प्रतीक है। यह आयोजन हर साल श्रद्धालुओं के बीच माँ दुर्गा के प्रति आस्था को और गहरा करता है। मंदिर समिति ने अगले वर्ष और भी भव्य आयोजन की योजना बनाई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पवित्र अवसर का हिस्सा बन सकें।
माँ दुर्गा की कृपा से यह परंपरा आने वाले वर्षों में भी यूं ही चलती रहेगी, और गाजियाबाद का यह प्राचीन मंदिर भक्ति का केंद्र बना रहेगा।
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